देश के 5 रेलवे स्टेशन, इसे पूरी तरह से चला रही हैं महिलाएं

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महिला सशक्तिकरण की जो बातें इस सदी की शुरुआत में शुरू हुई थी, हम उससे कई लेवल ऊपर उठ चुके हैं. महिलाओं ने अपने टैलेंट से बहुत सारी चीजें हासिल कर ली हैं और अब कोई ऐसा सेक्टर नहीं बचा है, जहां ये कहा जाए कि ये काम महिलाएं नहीं कर सकती हैं.

ऐसे ही हम देश के ऐसे 5 रेलवे स्टेशन की बात कर रहे हैं, जिन्हें सिर्फ़ महिलाएं ही चलाती हैं. वहां स्टेशन मास्टर, सुपरवाइजर, टिकट चेक करने वाले से लेकर रिजर्वेशन क्लर्क तक का सभी काम महिलाएं करती हैं.

मुंबई, माटुंगा रेलवे स्टेशन

मुंबई का माटुंगा रेलवे स्टेशन पहला रेलवे स्टेशन बना था, जिसे सिर्फ़ महिलाएं चला रही हैं. माटुंगा स्टेशन मध्य रेलवे (सीआर) के अंतर्गत आता है. वहां सभी महिला कर्मचारी तैनात होने के बाद इसका नाम लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड् रिकॉर्ड्स 2018 में इसका नाम दर्ज़ किया गया था.

मार्च 2017 से इस स्टेशन को सिर्फ़ महिलाएं चला रही हैं. इस स्टेशन पर 41 महिला कर्मचारी हैं. इसमें आरपीएफ़, वाणिज्यिक और परिचालन विभाग के कर्मचारी भी हैं. स्टेशन की कमान स्टेशन मास्टर ममता कुलकर्णी के हाथों में है. ऐसे में स्टेशन को 24 घंटे सिर्फ़ महिलाएं चलाती हैं.

जयपुर, गांधी नगर रेलवे स्टेशन

माटुंगा के बाद इस लिस्ट में दूसरा नंबर आता है जयपुर के गांधी नगर रेलवे स्टेशन का. हालांकि, प्रमुख स्टेशनों की लिस्ट में ये पहला स्टेशन था, जिसकी कमान सिर्फ़ महिलाओं के हाथों में आई. यहां भी स्टेशन मास्टर से लेकर टिकट चेकर तक सभी कर्मचारी सिर्फ़ महिलाएं हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक़, स्टेशन पर रोजाना 7 हज़ार यात्री आते हैं. यहां 40 महिला रेलवे कर्मचारी तैनात हैं जो हर विभाग की ज़िम्मेदारी संभालती हैं. स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल के कर्मचारियों में भी सिर्फ़ महिलाएं हैं. इस स्टेशन से रोज तकरीबन 50 ट्रेनें गुजरती हैं. इनमें 25 ट्रेनें इस स्टेशन पर रुकती हैं.

स्टेशन में चीफ़ रिजर्वेशन सुपरवाइजर, टिकट चेकर और रिजर्वेशन क्लर्क भी महिला हैं. यहां सेनेटरी नैपकिन वेडिंग मशीन भी लगाई गई है.

अजनी रेलवे स्टेशन

अजनी रेलवे स्टेशन नागपुर में है. ये महाराष्ट्र का दूसरा और देश का तीसरा रेलवे स्टेशन बना, जिसे सिर्फ़ महिलाएं चलाती हैं. यह मध्य रेलवे के नागपुर खंड का हिस्सा है. यह रूट दिल्ली-चेन्नई रूट होता है. ऐसे में इसे एक महत्वपूर्ण रूट माना जाता है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक़, इस स्टेशन पर रोजाना 6 हजार यात्रियों की आवाजाही होती है. ऐसे में यहां कुल 22 महिला  कर्मचारियों की तैनाती है. इसमें 1 स्टेशन मास्टर, 6 वाणिज्यिक क्लर्क, 4 टिकट चेकर, 4 कुली, 4 सफाई कर्मचारी और 3 रेलवे सुरक्षा बल कर्मी शामिल हैं.

मणिनगर रेलवे स्टेशन

अहमदाबाद का मणिनगर देश  का चौथा स्टेशन बना जहां सिर्फ़ महिलाएं तैनात हैं. इसे भी सिर्फ़ महिलाएं चलाती हैं. यह रेलवे स्टेशन पश्चिम रेलवे के अंतर्गत आता है.

इस स्टेशन पर कुल 23 वाणिज्यिक क्लर्क, 1 स्टेशन मास्टर और 2 प्वाइंट पर्सन्स तैनात हैं. इसके साथ ही रेलवे सुरक्षा बल के 10 जवान भी यहां तैनात रहते हैं. ये सभी महिलाएं हैं. इसके साथ ही इस स्टेशन के 36 दूसरे फ्रंटलाइन कर्मियों में भी महिलाएं हैं.

चंद्रागिरी रेलवे स्टेशन

ये रेलवे स्टेशन आंध्रप्रदेश के अंतर्गत आता है. साथ ही यह दक्षिण मध्य रेलवे के गुंटकल खंड में आता है. यह देश का 5वां स्टेशन है, जिसे सिर्फ़ महिलाएं चलाती हैं.

इस स्टेशन पर कुल 12 कर्मचारी हैं. इसमें स्टेशन मास्टर से लेकर बुकिंग क्लर्क, प्वाइंट्समैन, सुरक्षा और सफाईकर्मी भी शामिल हैं. इस स्टेशन से रोजाना 234 यात्री गुजरते हैं.