नई दिल्ली. भारतीय टीम ने साल 1983 में कपिल देव की कप्तानी में पहली बार वनडे वर्ल्ड का खिताब जीतकर दुनिया को चौंका दिया था. उस समय 24 साल के युवा खिलाड़ी कपिल देव ने इंग्लैंड में भारतीय टीम की अगुवाई की थी. 39 साल पहले किसी को उम्मीद नहीं थी कि वेस्टइंडीज और इंग्लैंड जैसी दिग्गज टीमों के सामने भारतीय टीम वर्ल्ड कप का खिताब भी जीत सकती है. लेकिन इस असंभव को संभव कपिल पाजी ने कर दिखाया. उन्होंने भारतीय टीम को वर्ल्ड कप दिलाने में सिर्फ गेंद से नहीं बल्कि बल्ले से भी ऐतिहासिक योगदान दिया. 18 जून को 1983 को कपिल देव ने जिम्बाब्वे के खिलाफ करो या मरो मुकाबले में 175 रनों की पारी खेली थी. यह उस समय वनडे फॉर्मेट में किसी भी बल्लेबाज की सबसे बड़ी पारी थी.
भारतीय टीम के पांच विकेट 17 रन पर गिरे
जिम्बाब्वे ने भारत के खिलाफ मुकाबले से पहले ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को हराकर सनसनी मचा दी थी. इस मुकाबले में कपिल देव ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. कप्तान का यह फैसला सही साबित नहीं हुआ और भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही. मैच के दूसरे गेंद पर ही सुनील गावस्कर बिना खाता खोले आउट हो गए.
दूसरे सलामी बल्लेबाज के श्रीकांत 13 गेंदों का सामना करने के बावजूद शून्य पर चलते बने. इसके बाद तीसरे नंबर पर उतरे मोहिंदर अमरनाथ 5, संदीप पाटिल 1 और यशपाल शर्मा नौ रन बनाकर आउट हुए. भारत के पांच प्रमुख खिलाड़ी सिर्फ 17 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. ऐसा लग रहा था कि जिम्बाब्वे की टीम ऑस्ट्रेलिया के बाद भारत को भी पराजित कर देगी.
मैदान पर आया कपिल देव का तूफान
टीम इंडिया के पांच विकेट गिरने के बाद कपिल देव ने मैदान पर कमान संभाली. छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे कपिल देव ने पहले रोजर बिन्नी, रवि शास्त्री और मदन लाल के साथ छोटी-छोटी साझेदारियां निभाई. भारत का आठवां विकेट 140 रन पर गिरा. इसके बाद भारतीय कप्तान ने विकेटकीपर बल्लेबाज सैयद किरमानी (24*) के साथ नाबाद 126 रनों की साझेदारी निभाई. भारतीय टीम 60 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 266 रन बनाने में सफल रही. कपिल देव ने 138 गेंदों में नाबाद 175 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली. उन्होंने अपनी पारी में 16 चौके और 6 छक्के जड़े. भारत ने यह मैच 31 रनों से जीता था.
कपिल देव नहा रहे थे, इधर भारत के पांच विकेट गिर गए
कपिल देव ने अपनी इस पारी के बारे में एक इंटरव्यू में बताया था, “जब भारत बल्लेबाजी कर रहा था तो वो नहाने गए थे लेकिन जबतक उन्होंने साबुन लगाया टीम ने 5 विकेट गंवा दिए.” इसके बाद वो आनन-फानन में क्रीज पर पहुंचे और नाबाद शतक जड़ डाला. दुर्भाग्य की बात यह है कि भारतीय फैंस उनकी पारी को नहीं देख सके. कपिल की इस पारी की वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं हो सकी, क्योंकि उस वक्त इंग्लैंड में वर्ल्ड कप के प्रसारणकर्ता बीबीसी की हड़ताल थी. हालांकि, कपिल पाजी को इसका कोई पछतावा नहीं है.