हिमाचल के सरकारी स्कूलों में नर्सरी और केजी कक्षाओं के 50,000 बच्चों को भी अब स्मार्ट वर्दी

पहली से 12वीं कक्षा के आठ लाख विद्यार्थियों की वर्दी का डिजाइन बदलने और पूरी बाजू का स्वेटर भी देने को लेकर बैठक में चर्चा हुई। प्रधान सचिव शिक्षा ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को दस दिनों में वर्दी के नए डिजाइन दिखाने के निर्देश दिए हैं।

स्मार्ट वर्दी(फाइल)

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नर्सरी और केजी कक्षा में पढ़ने वाले करीब 50,000 बच्चों को भी अब स्मार्ट वर्दी दी जाएगी। राज्य सचिवालय में प्रधान सचिव शिक्षा देवेश कुमार की अध्यक्षता में हुई हाई पावर कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया।

पहली से 12वीं कक्षा के आठ लाख विद्यार्थियों की वर्दी का डिजाइन बदलने और पूरी बाजू का स्वेटर भी देने को लेकर बैठक में चर्चा हुई। प्रधान सचिव शिक्षा ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को दस दिनों में वर्दी के नए डिजाइन दिखाने के निर्देश दिए हैं। शैक्षणिक सत्र 2022-23 और 2023-24 के लिए शिक्षा विभाग ने वर्दी की प्रक्रिया शुरू करने के लिए बुधवार को हाई पावर कमेटी की पहली बैठक की।

बैठक में फैसला लिया गया कि निजी स्कूलों के प्री प्राइमरी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में नर्सरी-केजी में पढ़ने वाले बच्चों को आकर्षक वर्दी दी जाएगी। पैंट, स्कर्ट और ट्रैक सूट इन कक्षाओं के बच्चों को देने की तैयारी है। इसको लेकर विभागीय अधिकारियों से अन्य राज्य सहित निजी स्कूलों की ड्रेस को देखकर नए डिजाइन तैयार करने को कहा है। प्री प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों को पहली बार सरकार ने स्मार्ट वर्दी देने का फैसला लिया है।

इसके अलावा पहली से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों की वर्तमान वर्दी के डिजाइन को भी बदलने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा सर्दियों के मौसम को देखते हुए विद्यार्थियों को स्वेटर भी देने की योजना है। इसके लिए प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को पहले बजट प्रावधान देखने को कहा गया है। सरकारी स्कूलों में सरकार की ओर से विद्यार्थियों को निशुल्क वर्दी दी जाती है।