रूस-यूक्रेन जंग का खामियाजा यूक्रेन के मासूम बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि लाखों बच्चों पर संकट के बादल मंडराए हुए हैं। सेव दि चिल्ड्रन का कहना है कि युद्ध के बीच जो बच्चे अभी भी फंसे हुए हैं, उन्हें तुरंत बचाया जाना चाहिए। संस्था का कहना है कि अस्पतालों और स्कूलों पर बढ़ते रूसी हमलों के चलते अब 60 लाख से अधिक बच्चे गंभीर खतरे में हैं, जिन्हें तत्काल सुरक्षा की आवश्यकता है।
रूसी गोलाबारी के कारण 464 स्कूल और 42 अस्पताल क्षतिग्रस्त हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक 24 फरवरी को रूसी हमला शुरू होने के बाद से अब तक कम से कम 59 बच्चे मारे गए हैं। वॉल्श ने कहा कि स्कूल बच्चों के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल होना चाहिए, न कि भय, चोट या मौत की जगह। यूक्रेन में लगातार हो रहे मिसाइल हमलों और गोलाबारी के कारण अब तक 15 लाख से अधिक बच्चे देश से भागने को मजबूर हो चुके हैं। हालांकि सेव दि चिल्ड्रन का अनुमान है कि देश में अभी भी करीब 60 लाख बच्चे फंसे हुए हैं।
मानवाधिकार के उच्चायुक्त के कार्यालय ने यूक्रेन में युद्ध के कारण नागरिकों के हताहत होने पर अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि 24 फरवरी से 19 मार्च के बीच कुल 2,361 नागरिक प्रभावित हुए, जिसमें 902 लोग मारे गए और 1,459 घायल हुए हैं। खुद संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने केवल मौतों की पुष्टि की है। आशंका है कि मरने वालों की संख्या बहुत अधिक हो सकती है।