नाहन, 01 अगस्त : समाज में कई बुजुर्ग होंगे, जो अपनी तीसरी या चौथी पीढ़ी का अहसास ले रहे होंगे, लेकिन पांचवी पीढ़ी तक कुटुम्ब का मुखिया बनना काफी कम होता है। सिरमौर के धारटीधार क्षेत्र के काटली गांव (बिरला) में करीब 90 वर्षीय महिला सीता देवी को कुदरत ने पांचवी पीढ़ी का सुख भी बख्शा है। यकीन मानिए, सीता देवी इस समय भी पूरी तरह से स्वस्थ है। ये एक संयोग ही है, जब एक परिवार की पांच पीढ़ियां एक साथ नजर आ रही हों।सीता देवी अपनी बेटी चमेली देवी, दोहती आशा शर्मा व उनकी बेटी शिवाली के बेटे ऋषभ रतन के साथ
पांचवी पीढ़ी में बुजुर्ग महिला सीता देवी अपनी दोहती आशा शर्मा की बेटी शिवाली के बेटे ऋषभ रतन को दुलार दे रही है। यानि, सीता देवी की दोहती भी नानी बन चुकी है। श्री रेणुका जी विधानसभा क्षेत्र के काटली गांव में सीता देवी चार बेटों व एक बेटी की मां है। सबसे बड़ा बेटा जलशक्ति विभाग से सेवानिवृत हुआ है। बेटे की उम्र करीब 70 साल हो चुकी है। दूसरा बेटा दाता राम भी आईपीएच से रिटायर हो चुका है। तीसरा बेटा ओमदत्त शिक्षा विभाग में कार्यरत है व चौथा बेटा भी शिक्षा विभाग में ही सेवाएं दे रहा है। 68 साल की बेटी चमेली देवी की शादी गातू गांव में हुई है।
बुजुर्ग महिला के पोते आनंद व सोम प्रकाश, जय प्रकाश व पोती सुनीता देवी की भी शादियां हो चुकी हैं। दूसरे बेटे दाताराम के बच्चे बीना देवी, अर्चना व रचना की शादियां भी हो चुकी हैं, जबकि एक पोते अरुण कुमार की शादी नहीं हुई है। दो पोते अश्रुत व विभु भी परदादी की सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ते। तीन दोहतियां आशा शर्मा, प्रोमिला शर्मा व पूनम शर्मा के अलावा दोहता कुलदीप कुमार भी समय मिलने पर नानी के पास पहुंच जाते हैं। पांचवी पीढ़ी में आशा शर्मा की बेटी शिवाली का बेटा ऋषभ रतन भारद्वाज है।
खास बात ये है कि पूरा परिवार शिक्षित है। चारों ही बेटों ने सरकारी सेवाएं प्रदान की। मोटे अंकगणित के मुताबिक ससुराल में बुजुर्ग महिला के परिवार के सदस्यों की संख्या 25 से 30 के बीच में है, जबकि बेटी की वंशावली में ये आंकड़़ा 8 से 12 का है। कुल मिलाकर शायद ऐसा दुर्लभ ही होगा, जब चार बेटों के बड़े परिवार की मुखिया पांच पीढ़ियों तक अपना आशीष संसार में रहकर प्रदान कर रही है।