भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत शिमला जाते समय कुछ देर के लिए सोलन पहुंचे। सोलन पहुंचने पर किसानों ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। उन्होंने यहाँ पहुंच कर सोलन के किसानों को जागरूक करने का प्रयास किया और बताया कि किसान आंदोलन उनके लिए क्यों ज़रूरी है। उन्होंने यहाँ पहुंच कर कहा कि हिमाचल का बागबान और किसान दोनों परेशान है लेकिन राज्य और केंद्र सरकार उनकी कोई सुध नहीं ले रही है। दोनों ही सरकारें पूंजीपतियों की कठपुतली बन कर रह गई है |
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि उनका हिमाचल से बेहद गहरा नाता है उनके द्वारा गन्ने और धान की तरह सेब के हितों की लड़ाई भी लड़ी गई। उन्होंने कहा कि पहले हिमाचल सुरक्षित माना जाता था जिसके चलते यहाँ सेब का कारोबार फलफूल रहा था। लेकिन अब हिमाचल में भी बड़ी बड़ी मल्टी नेशनल कंपनियां घुस चुकी है। जिन्होंने अब सेब के रेट भी तह करने आरम्भ कर दिए है।
जिससे हिमाचल के सभी बागबान परेशान है। सरकार मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रही है। उन्होंने कहा कि बागवानों को चाहिए कि वह अपनी फसल बड़ी कंपनियों को नहीं बल्कि मंडियों में आ कर बेचे। जो किसान और बागबान बाहरी राज्यों में अपनी फसल बेचना चाहता है उसे सरकार कुछ सब्सिडी दे। तभी हिमाचल के किसानों और बागबानों को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश की आज़ादी में 90 वर्ष भारत वासियों ने संघर्ष किया। किसान भी संघर्ष कर रहे है उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही किसानों को भी आज़ादी मिलेगी।