हर बड़ी चीज का आरंभ छोटे-छोटे कदमों से होता है। व्यक्ति को अपने इनोवेटिव आइडियाज पर काम करना कभी नहीं छोड़ना चाहिए। छोटे निवेश के साथ स्टार्ट किए बिजनेस में नुकसान होने की संभावनाएं ना के बराबर होती है। साथ ही मुनाफा पहले महीने से ही मिलना स्टार्ट हो जाता है।
अगर आप भी बिजनेस करने की सोच रहे हैं, लेकिन निवेश करने आपके पास अधिक पैसा नही है, तो आपके लिए एक शानदार बिजनेस है। दो दोस्तो की स्टोरी आपके सपनो में उड़ान भर देगी। इन्होंने कैसे कम पैसा खर्च करके अपने बिजनेस को बड़ा बना दिया।
छोटा हो या बड़ा हर किसी का पसंदीदा व्यंजन चाट गोलगप्पा (Chaat-Golgappa) होता है। सभी जगहों पर इसका नाम अलग है, पर स्वाद एक है। लोग रेस्ट्रोरेंट से ज्यादा स्ट्रीट फूड पसंद करते है। हम भारतीयों की पहचान है। यह स्ट्रीट फूड उनका पहनावा फॉर्मल होता है। क्योंकि उनको बहुत मेहनत करना पड़ता है तभी तो वो स्वाद आता है।
आज हम बात करने वाले है, चंडीगढ़ के पास मोहाली के ऐसे शख्स की जो शूट बूट पहन कर चाट गुपचुप की दुकान (Man Sells Golgappa Dressed in Suit) लगाता है। ऐसे में लोग सोचते है कि ये कहा का परिंदा आ गया, क्योंकि लोगो के मन में स्ट्रीट फूड़ (Street Food) बेचने वालों की एक अलग इमेज बनी हुई है।
भारत में आज इतनी बेरोजगारी है कि पढ़ा लिखा इंसान मजदूरी करने के लिए मजबूर है। कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता बस शुरुआत नेक और सच्ची हो। इसकी मिसाल दो दोस्तो ने दी। आइये जानते है कि क्यों उन्होंने शूट पहन कर दुकान लगाई।
होटल मेनेजमेंट की डिग्री के बाद सड़क किनारे लगाई चाट गोलगप्पा की दुकान
होटल मेनेजमेंट की डिग्री लिए ये 22 साल के दो युवा शूट बूट पहन कर सड़क किनारे एक चाट गोलगप्पा की दुकान (Golgappa Street Stall Beside Road) लगाता था। उसको देख लोगो ने बातें भी बनाई और उसके घर वालो ने खूब ताने सुनाये और सुनाये भी क्यों नहीं एक बेस्ट एजुकेशन के बाद इस तरह दुकान लगाना उनके अहम को ठेस पहुचाने जैसा था।
वह कुछ अच्छा करना चाहता था। क्या हुआ अगर शुरुआत छोटी से की है। लेकिन लोगो का काम है, बोलना। अपने हौसलो को मजबूत करते हुए उसने आपने काम को जारी रखा। लोगो की बातों में ध्यान नही दिया। उनकी दुकान में आलू टिक्की, दही भल्ले, पानीपुरी, समोसा चाट सब कुछ मिलता है। दोनों दोस्त बहुत मेहनती है और आगे वह अपना खुद का होटल बनाना चाहते है। जिससे वो अपने सपनो को साकार कर सकें।
टेस्ट में नो कोम्प्रोमाईज़ देशी घी से बनाए आलू टिक्की
दोनो दोस्तो ने बताया कि वह स्वाद में कोई समझौता नहीं करते। इस लिए सुबह 6 बजे से लेकर रात के 12 बजे तक दोनों भाई मेहनत करते है। वह बताते है कि उनके दुकान पर सारी चीजें एक दम फ्रेश मिलती है। उनमे किसी भी प्रकार का कोई मिलावट नही होता। शुद्धता ही उनकी पहचान है।
उन्होंने आलू टिक्की (Aalu Tikki) बनाने के लिए खासतौर पर चंडीगढ़ से एक ताँबे का तवा (Copper Tawa) मंगाया। देशी घी में बनाई जाती है टिक्कियां। उनकी 2 टिक्की की कीमत मात्र 60 रु है। इससे हम अंदाज लगा सकते है कि बिजनेस करना उनका सपना है, पर लोगो का ख्याल रख कर और उन्हें खिलाकर ख़ुश करना भी उनकी प्राथमिकता है।
संघर्ष से नही डरे
दोनों दोस्तो से वार्तालाप के बाद उन्होंने बताया कि महामारी उनके सपनो के बीच बाधा बनकर आ गई थी। ये बात सब पर लागू होती है, इस आपदा ने बहुतो के सपनो को आग लगा दी और बहुतों के घर तबाह कर दिए।
देश ने भी इस महामारी में जन धन की बहुत हानि हुई, लोगो ने अपने करीबी को खोया तो किसी नोकरी चली गई। बहुत कोशिशों के बाद इस समस्या पे काबू पाया गया। इस समस्या की घडी में दोनों भाइयों ने चाय बेचीं।
अपने शौक के लिए हार नही मानी अपने काम पर लगे रहे। आज उनके साथ 3 से 4 लोगो की टीम है। अब उनका बहुत अच्छा काम चल रहा। हम उनके इस जज़्बे को सलाम करते है इस समस्या में भी उन्होंने हार नहीं मानी और बस लगे रहे।
एक कहावत है कि कभी हार मानने की हमेशा जीत होती है। पर शर्त है उस काम को आप पूरी ईमानदारी और मेहनत से करते रहो। एक ना एक दिन कामयाबी आपके कदम जरूर चूमेगी। इसके लिए आपको थोड़ा समय देना होगा। अपना हुनार दिखने के लिए। वह कहते है कि उनका प्लान बेकरी बनाने का था, परंतु वह आलू टिक्की से ज्यादा नहीं चला, इसलिए उन्होंने इसी को अपना बेस बनाया।
मेहनत और लगन से खोली दुकान जिसका नाम है ई लव माय पंजाब
3 साल के कठिन परिश्रम के बाद उनकी मेहनत रंग लाई और अब वह एक दुकान बना रहे है। दोनों भाइयों ने बातचीत के दौरान बताया कि उन्होने एक शॉप ले ली है और उसका बहुत जल्द उद्घाटन भी करने वाले है। उनके चहरे की मुस्कान उनकी कामयाबी बयां कर रही थी। उन्होंने जो सपना देखा था वो साकार होने जा रहा है।
सपने तो सभी देखते है, लेकिन उनको पूरा नही कर पाते। अपन्स सपनो को पूरा करने के लिए जुनून होना चाहिए। जुनून ही आपकी सफलता की पहली सीढ़ी है। अगर इस सीढ़ी पर आपने अपना पहला कदम अपने जुनून से रख लिया, तो कोई भी ताकत आपको आगे बढ़ने से नही रोक सकती।
आज दुसरो को इनकी मिसाल दे रहे
हस्ते हस्ते दोनों दोस्त कहते है, शॉप की ओपनिंग में सब से पहले उनके माता पिता को बुलाएंगे। उन्होंने बताया कि खाने-पीने की चीज़ों के अलावा इस रेड़ी (Thela) पर मॉकटेल्स भी मिलती है। अगर कभी आपका मोहाली (Mohali) जाना होता है, तो उन दोनों भाइयो की शॉप जाना न भूले। क्योंकि जो लोग इनके काम को देखकर ताने देते थे, आज दुसरो को इनकी मिसाल दे रहे है।
YouTuber हैरी उप्पल (Harry Uppal) ने इस अनोखे गोलगप्पे वेंडर का वीडयो अपने चैनल पर डाला था। वीडियो में लड़का ठेले पर सूट-बूट में दिखाई दे रहा है. गोलगप्पे के ठेले को दो भाई मिलकर चलाते हैं।
सही कहा है, लोगो ने समय किसी का सगा साथी नही होता। हर पल बदलता रहता है। सपने उनके पूरे होते है, जिनमे उसको कर गुजरने का जज़्बा होता है, इस बात का जीता जागता उदाहरण बने ये दोनों भाई। उन्होंने साबित भी किया कि कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता, बस उसको करने का हौसला होना चाहये।