जिस मासूम को इस वक्त अपनी मां की कोख में और पिता के साए में होना चाहिए था. उस चार दिन के मासूम के शरीर पर असंख्य चींटियां और कीड़े चिपके नजर आए. झाड़ियों में मिले इस मासूम को बचाने के लिए अब चिकित्सको की टीम जी जान से जुटी है. मामला भारत- पाकिस्तान सीमा से सटे राजस्थान के बाड़मेर जिले के सेड़वा उपखण्ड क्षेत्र का है. (मनमोहन सूज की रिपोर्ट
भारत-पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे राजस्थान के सरहदी बाड़मेर में एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. बाड़मेर के सीमावर्ती क्षेत्र सेड़वा इलाके के कारटिया गांव में बीते सोमवार को लोगों को बबूल की कंटीली झाड़ियों में एक बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी तो लोगों के कदम रुक से गए.
लोगों ने झाड़ियों को देखा गया तो उसके खून से लहूलुहान एक बच्चा नजर आया. लोगो ने सेड़वा पुलिस को फोन किया. सेड़वा थाने से एएसआई अचला राम मय टीम ने मौके पर पहुंचते ही स्वास्थ्यकर्मियों और 108 एंबुलेंस को फोन किया और तुरन्त ही मासूम को सेड़वा अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.
बच्ची की स्थिति देख डॉक्टरों के भी रूह कांप गए और आनन-फानन में सेड़वा से बाड़मेर रेफर कर दिया है. पुलिस कॉन्स्टेबल महिपाल के मुताबिक झाड़ियों में नवजात मिलने की सूचना पर मौके पर पहुंचे तो शरीर पर चीटियां से शरीर को नोच दिया गया था. अब सेड़वा से मासूम को बाड़मेर रैफर कर दिया है.
बाड़मेर के मातृ एव शिशु जिला अस्पताल में गहन चिकित्सा केंद्र में मासूम का इलाज शुरू किया गया है. शिशु रोग चिकित्सक डॉक्टर हरीश चौहान के मुताबिक बाड़मेर के जिला अस्पताल सेड़वा पुलिस नवजात को अस्पताल में भर्ती करवाने आई थी.