घर पर ही क, ख, ग पढ़ाएंगे…स्कूल बस से आएंगे शिक्षक, श्रमिकों के बच्चों के लिए एजुकेशन ऑन व्हील योजना

प्रदेश में तमाम अप्रवासी श्रमिक ऐसे हैं, जो अपने परिवार के साथ निर्माण स्थलों पर मजदूरी करने जाते हैं। पति-पत्नी मजदूरी करते हैं और उनके बच्चे दिनभर वहीं धूल-मिट्टी में खेलते रहते हैं। इन बच्चों तक शिक्षा की रोशनी पहुंचाने के लिए श्रम विभाग ने चलते फिरते स्कूल की योजना बनाई है। 

सांकेतिक तस्वीर
आर्थिक और विभिन्न पारिवारिक दिक्कतों के कारण स्कूल नहीं पहुंच पाने वाले श्रमिकों के बच्चों को अब घर पर ही शिक्षित किया जाएगा। श्रम विभाग की ओर से प्रदेशभर में ऐसे बच्चों के लिए चलता फिरता स्कूल शुरू होने जा रहा है।
श्रमिकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती अपने बच्चों को रखने की होती है। प्रदेश में तमाम अप्रवासी श्रमिक ऐसे हैं, जो अपने परिवार के साथ निर्माण स्थलों पर मजदूरी करने जाते हैं। पति-पत्नी मजदूरी करते हैं और उनके बच्चे दिनभर वहीं धूल-मिट्टी में खेलते रहते हैं। 
इन बच्चों तक शिक्षा की रोशनी पहुंचाने के लिए श्रम विभाग ने चलते फिरते स्कूल की योजना बनाई है। एजुकेशन ऑन व्हील के तहत प्रदेशभर में शिक्षा विभाग और स्वयंसेवी संस्था की मदद से ऐसी बसें संचालित की जाएंगी जो निर्माण स्थलों के आसपास और श्रमिकों की बस्तियों में जाएंगी। 

बस में मौजूद शिक्षक श्रमिकों के बच्चों को वहीं पढ़ाएंगे। इतना ही नहीं परीक्षा लेने के बाद शिक्षा विभाग उन्हें सर्टिफिकेट भी जारी करेगा। इसके लिए श्रम विभाग ने शिक्षा विभाग और एक स्वयंसेवी संस्थान के साथ समझौता किया है।

प्रदेशभर में चिह्नित किए जा रहे ऐसे स्थल

श्रम विभाग की ओर से प्रदेशभर में ऐसे निर्माण स्थल चिह्नित किए जा रहे हैं, जहां मजदूर पति-पत्नी काम करते हैं। साथ ही ऐसी  बस्तियों का भी चयन किया जा रहा है जहां श्रमिकों के बच्चे घर पर ही रहते हैं। हर जिले में ऐसे स्थानों का चिह्नीकरण करने के बाद विभाग की ओर से बसें पहुंचाई जाएंगी। इन बसों में एक ओर जहां पूरी अध्ययन सामग्री होगी तो दूसरी ओर शिक्षक भी होंगे। हर बच्चे का पंजीकरण करने के बाद उन्हें स्कूलों की भांति ही पढ़ाया जाएगा।

हाल ही में हमने चलता फिरता स्कूल कांसेप्ट पर काम शुरू किया है। मजदूरों के बच्चों को यह स्कूल ऑन द स्पॉट जाकर पढ़ाएगा। मकसद यह है कि श्रमिकों के बच्चे शिक्षित होकर समाज में आगे बढ़ें। इसके लिए जल्द श्रम विभाग के साथ शिक्षा विभाग और स्वयंसेवी संस्था के बीच एक एमओयू किया गया है, जल्द ही योजना शुरू की जाएगी।
– आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव, श्रम