25 हजार करोड़ के मसाला बाजार में धमाकेदार एंट्री, क्या होगा शेयर पर असर? जानें

नई दिल्ली. डाबर के नाम से भला कौन परिचित नहीं है. भारत के सबसे बड़े ब्रांड्स में से एक है डाबर (Dabur). डाबर इंडिया ने बादशाह मसाला (Badshah Masala) में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की है. इसके लिए कंपनी 587.52 करोड़ रुपये निवेश करने वाली है.

दोनों कंपनियों (डाबर और बादशाह मसाला) ने एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि डाबर ने बादशाह मसाला प्राइवेट लिमिटेड की 51 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए पक्के एग्रीमेंट साइन किए हैं. अभी तक की जानकारी के अनुसार, यह सौदा 31 मार्च 2023 से पहले पूरा हो जाएगा. यह अधिग्रहण नियम व शर्तों के अधीन है.

अगस्त से ही दबाव में चल रहे डाबर इंडिया के शेयर में गुरुवार को तेजी आई. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर यह स्टॉक लगभग 1.5 फीसदी की वृद्धि के साथ खुला और इंट्राडे में 548 रुपये का हाई बनाया. हालांकि 10 बजकर 27 मिनट तक शेयर अपने ओपनिंग प्राइस (541.5) से नीचे ट्रेड कर रहा था. चूंकि, अभी यह डील घोषित हुई है तो शेयर बाजार में ज्यादा असर देखने को नहीं मिला है. समय बीतने के साथ कंपनी के प्रॉफिट में होने वाला इजाफा इसके शेयर पर भी असर डालेगा.

नतीजों ने निवेशकों को किया निराश
डाबर इंडिया ने बुधवार को दूसरी तिमाही के नतीजे जारी किए, जिसने निवेशकों को नाखुश किया. नतीजों के मुताबिक, कंसोलिडेटेड मुनाफे में सालाना आधार पर 2.85 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. सितंबर तिमाही में कंपनी का मुनाफा 490.86 करोड़ रहा है. वहीं, पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी ने 505.31 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था. हालांकि, ऑपरेशन से कंपनी के रेवेन्यू में 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और ये 2,986.49 करोड़ रुपये हो गया है. पिछले साल इसी अवधि में ये आंकड़ा 2,817.58 करोड़ रुपये रहा था.

फूड बिजनेस में एक्सपेंशन की योजना
डाबर इंडिया अब मुख्य तौर पर अपने खाद्य कारोबार के विस्तार की योजना पर काम कर रही है. यह अधिग्रहण भी फूड सेक्टर की नई कैटेगरी में प्रवेश करने के इरादे से किया गया है. कंपनी आने वाले 3 वर्षों में अपने फूड बिजनेस को 500 करोड़ रुपये तक बढ़ाना चाहती है. इस अधिग्रहण के पूरा होने के साथ ही डाबर इंडिया की एंट्री 25,000 करोड़ रुपये (अनुमानित) के मसाला बाजार में हो जाएगी.

एवेंडस कैपिटल की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मसालों का बाजार 70,000 करोड़ रुपये का है, जिसमें ब्रांडेड मसालों की हिस्सेदारी केवल 35 प्रतिशत है. पिछले साल इस निवेश बैंक द्वारा जारी एक पेपर में अनुमान लगाया गया था कि ब्रांडेड मसालों का बाजार 2025 तक आकार में दोगुना होकर 50,000 करोड़ रुपये हो जाएगा. एवेंडस का अनुमान है कि वित्त वर्ष 30 तक, 15 मसाला कंपनियों के राजस्व में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है, और इसमें से 4 कंपनियां वार्षिक कारोबार में 5,000 करोड़ रुपये हासिल करेंगी.