पुलिस का नाम सुनते ही अक्सर लोग घबरा जाते हैं. अपराधी उनसे खौफ़ खाते हैं. लेकिन, कई ऐसे पुलिसवाले भी होतें हैं, जो अपनी दरियादिली या समाजिक कार्यों से लोगों का दिल जीत लेते हैं. ऐसे ही कहानी है बिजनौर पुलिस में तैनात कांस्टेबल विकास कुमार की, जो देश के साथ देश के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के प्रयास में जुटे हुए हैं. अपनी ड्यूटी से समय निकालकर वो गरीब बच्चों को मुफ्त पढ़ा भी रहे हैं.
पुलिस में भर्ती होने से पहले बच्चों को पढ़ा रहे हैं विकास
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कांस्टेबल विकास पुलिस में भर्ती होने से पहले ही गरीब बच्चों के भविष्य को सवांरने का काम कर रहे हैं. वे अपने गांव में साल 2014 से गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देते आए हैं. तब उनकी उम्र 18 साल की थी. उनके पास वो गरीब बच्चे पढ़ने आते हैं, जिनके पैरेंट्स उन्हें गरीबी की वजह से पढ़ा नहीं पा रहे हैं. ऐसे में विकास ने उन्हें शिक्षित करने की जिम्मेदारी उठाई है.
सहारनपुर के गांव कुरलकी खुर्द के रहने वाले पुलिस सिपाही विकास कुमार के इस नेक काम के लिए मुरादाबाद डीआईजी शलभ माथुर ने उन्हें सम्मानित भी किया है.
बता दें कि विकास को इस नेक मुहिम की शुरुआत में काफी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा. लेकिन जब लोगों ने उनके इस काम को जाना तो दूसरे साथी भी उनसे जुड़ने लगे. धीरे-धीरे उनकी पाठशाला में बच्चों की तादाद में भी इजाफा होने लगा.
पुलिस में भर्ती होने के बाद भी चला रहे हैं मुहिम
विकास एक गरीब किसान परिवार में जन्मे थे. साल 2016 में विकास कुमार पुलिस विभाग में भर्ती हो गए. पुलिस की ड्यूटी निभाने के साथ-साथ उन्होंने गरीब बच्चों को शिक्षा देना नहीं छोड़ा. वे अपनी ड्यूटी से समय निकालकर बच्चों को लगातार शिक्षित करने का काम कर रहे हैं.
पुलिस विभाग में भर्ती होने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग बिजनौर में हुई. विकास ने कोतवाली शहर के आवास विकास चौकी में अपना पद संभाला. यहां काशीराम कालोनी में कई ऐसे गरीब बच्चों की नजर उन पर पड़ी जो गरीबी के चलते शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे थे. तब विकास ने अपनी समाज को शिक्षित करने की मुहिम बिजनौर में भी शुरू कर दी. तक़रीबन 30 से 35 गरीब बच्चों को वो पढ़ाने लगे. इसके अलावा ड्यूटी से समय निकालकर गांव में भी सैकड़ों बच्चों को पढ़ाने का काम लगातार कर रहे हैं.
पांच गांवों में चलती है इनकी पाठशाला
वर्तमान में कांस्टेबल विकास कुमार नांगल थाने में पीआरबी 112 पर तैनात हैं. लेकिन, समय मिलने पर वो आज भी बिजनौर के गांव रामजी वाला छकड़ा, ढोलापुरी, मोहनपुरी, सुंदरपुर बेहड़ा, किशनपुर गांव में अपनी पाठशाला में सैकड़ों गरीब बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रहे हैं.
विकास लोगों को तालीम की अहमियत बताने के साथ उन्हें लगातर जागरूक भी कर रहे हैं. कांस्टेबल विकास कुमार ने एक मीडिया इंटरव्यू में बताया कि उनका मकसद ज्यादा से ज्यादा गरीब बच्चों को शिक्षित बनाना है ताकि कोई भी गरीब बच्चा शिक्षा से वंचित ना रह जाए.
साथी भी प्रेरित हो कर चला रहे हैं पाठशाला
एक तरफ जहां विकास कुमार बिजनौर में गरीब बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रहे हैं. वहीं उनके ग्रुप से जुड़े उनके साथी ऐसी कई पाठशाला पीलीभीत, सहारनपुर, बुलंदशहर और मेरठ के साथ उत्तराखंड के कई गांव में स्कूल चला रहे हैं.