हादसे से एक दिन पहले पुल पर झूल रहे थे कई लोग, अब तक 141 लोगों की मौत

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गुजरात (Gujarat Morbi Bridge Collapse) में पुल गिरने से एक बड़ा हादसा हुआ. हादसे में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई और काफी तादाद में लोग घायल हुए हैं. एनडीआरएफ, नेवी और एयरफोर्स की सयुंक्त टीमों को बचाव-राहत कार्य के लिए शामिल किया गया है.

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अब तक 141 की हो चुकी है मौत

दरअसल, रविवार को गुजरात के मोरबी में पुल गिरने से अब तक 141 लोगों से अधिक की मृत्यु हो गई है. इस दर्दनाक हादसे में मरने वालों में बच्चों की तादाद 40 है. काफी तादाद में लोग जख्मी भी हुए हैं. वहीं 177 लोगों को बचाया जा चुका है. अब भी कई लोग लापता हैं. बताया जा रहा है कि हादसे के वक़्त पुल पर 500 से 700 लोग मौजूद थे.

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मिली जानकारी के मुताबिक हादसे को लेकर बचाव और राहत कार्य के लिए नेवी व एयरफोर्स की टीमों को मौके पर रवाना किया गया है. इसके अलावा मरीन कमांडों और तैराकों को भी भेजा गया है. वहीं मोरबी हादसे की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गई है, जिसकी अध्यक्षता आईएएस राजकुमार बेनीवाल करेंगे.

एक दिन पहले पुल पर झूल रहे थे लोग

इस वक़्त सोशल मीडिया पर ब्रिज का वो वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें लोग पुल की तार पर झूल रहे हैं. पुल की तार पकड़ कर झूल रहे लोगों की संख्या अच्छी-ख़ासी है. वीडियो को हादसे से एक दिन पहले यानी शनिवार का बताया जा रहा है.

हादसे में मरने वाले परिवार को केंद्र सरकार पीएमएनआरएफ की तरफ से 2-2 लाख रुपए की मदद राशि देने का ऐलान किया गया है, जबकि घायलों को इलाज के लिए 50-50 हजार रुपए की मदद राशि दी जाएगी. इसके साथ ही राज्य सरकार ने हादसे में मरने वालों में से प्रत्येक के परिवार के सदस्यों को 4 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की है.

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142 साल पुराना है इसका इतिहास

एनडीटीवी की एक खबर के मुताबिक, मोरबी का यह पुल काफी पुराना था. जिसे मरम्मत के बाद 26 अक्टूबर को दोबारा से अवागमन के लिए चालू किया गया था. मरम्मत के चार दिन बाद पुल के गिरने से दर्दनाक हादसा हुआ है. अब कहां चूक हुई यह जांच का विषय है.

बता दें मोरबी में मच्छु नदी पर बना यह पुल तक़रीबन 142 साल पुराना है. जो साल 1880 में बनकर तैयार हुआ था. उस वक्त इसे बनाने में तकरीबन साढ़े तीन लाख रुपए खर्च हुए थे. ब्रिटिश भारत में इस पुल का उद्धघाटन मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था. इसकी लम्बाई 765 फीट थी. हवा में झूलता यह पुल पर्यटक स्थल बन चुका था, जहां लोग काफी तादाद में घूमने आते थे.