A few km ahead of Badrinath is the last village of India, where Bhima had built a bridge to go to heaven.

बद्रीनाथ से कुछ किमी आगे है भारत का आखिरी गांव, जहां भीम ने किया था स्वर्ग जाने के लिए पुल का निर्माण

  • बद्रीनाथ से कुछ किमी आगे है भारत का आखिरी गांव, जहां भीम ने किया था स्वर्ग जाने के लिए पुल का निर्माण

    बद्रीनाथ से कुछ किमी आगे है भारत का आखिरी गांव, जहां भीम ने किया था स्वर्ग जाने के लिए पुल का निर्माण

    उत्तराखंड के चमोली जिले में 3115 मीटर की ऊंचाई और माना एक ऐसा गांव है, जो अपनी खूबसूरती से पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है। यहां की खूबसूरत वादियां और अद्भुत नजारे ऐसे हैं कि हर कोई हैरान रह जाता है। लोग बद्रीनाथ जाने के बाद भारत के इस आखिरी गांव के भी चक्कर लगाते हैं। बद्रीनाथ से इस गांव की दूरी 3 किमी है, यहां तक पहुंचने का सफर बेहद ही सुहाना और यादगार है। इस गांव के मुख्य द्वार पर आपको ” द लास्ट इंडियन विलेज” (भारत का आखिरी गांव) (The Last Indian Village “Mana”) लिखा हुआ दिख जाएगा। अगर आप यहां घूमने जा रहे हैं, एक बार उन जगहों के बारे में जान लें, जहां आप घूमने के लिए जा सकते हैं।

    (फोटो साभार : wikimedia commons)

     

  • सरस्वती नदी के किनारे बैठें - Saraswati River

    सरस्वती नदी के किनारे बैठें – Saraswati River

    ये नदी 100 मीटर बहने के बाद माणा के केशव प्रयाग में बहने वाली अलकनंदा नदी से मिल जाती है, जिसकी वजह से इसे ‘गुप्त गामिनी’ भी कहते हैं। ये नदी भीम पुल के पास मौजूद के बड़े पत्थर से निकलते हुए आगे जाती है।

     

  • भीम पुल जाएं - Bheem Pul

    भीम पुल जाएं – Bheem Pul

    सरस्वती नदी के ऊपर आपको प्राकृतिक रूप से पत्थरों से बना एक पुल दिखाई देगा, जिसे भीम पुल कहते हैं। प्राचीन कथाओं के अनुसार, कहते हैं जब पांडव द्रौपदी के साथ स्वर्ग जा रहे थे, तब उन्हें रास्ते में नदी दिखी, द्रौपदी को इसे लेकर कोई समस्या न हो, भीम ने एक यहां एक विशाल पत्थर उठाकर रख दिया। आपको नदी के पास 20 फीट लंबे पैरों के निशान दिखा देंगे, कहते हैं ये भीम के पैर हैं।

     

  • व्यास गुफा - Vyas Cave

    व्यास गुफा – Vyas Cave

    महर्षि व्यास ने इसी गिफा में चारों वेद और गीता की रचना की थी। यही वजह है कि इसका नाम व्यास गुफा पड़ा। इस गुफा व्यास पुस्तक के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रचलित कहानी एक अनुसार लंबे साल बीतने के बाद भी पुस्तक पत्थर में बदल गई थी।

  • गणेश गुफा जहां हुई महाभारत की रचना -

    गणेश गुफा जहां हुई महाभारत की रचना –

    व्यास गुफा से कुछ दूर आपको गणेश गुफा दिख जाएगी, कहा जाता है कि महर्षि व्यास ने अपनी गुफा से भगवान गणेश को इसी में महाभारत सुनाई थी। इसके बाद गणेश ने इसकी रचना की। आप भी सोच रहे होंगे कि गणेश जी को व्यास गुफा से महर्षि व्यास की आवाज सुनाई दे रही होगी, अब ये सच्चाई तो यहां के लोग ही जान सकते हैं।

     

  • भारत की आखिरी दुकान -

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    भारत की आखिरी दुकान –

    माणा गांव में भारत की आखिरी चाय की दुकान भी है, जहां से आप चाय की चुस्की का पूरा मजा ले सकते हैं। ये दुकान पर्यटकों के बीच काफी मशहूर है।