दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR Pollution Today) में थोड़ी राहत के बाद शुक्रवार से एक बार फिर हवा दूषित हो गई। माना जा रहा है कि पराली जलाने के चलते दिल्ली और एनसीआर की हवा प्रदूषित हो रही है। हालांकि कहा यह भी जा रहा है कि 12 यानी आज और 13 नवंबर के बाद इसमें थोड़ा सुधार देखने को मिल सकता है।
दिल्ली सहित एनसीआर के इन शहरों में आज पलूशन बढ़ा
शनिवार को सीपीसीबी की ओर से जारी डेटा के अनुसार, दिल्ली के आनंद विहार में AQI 330 दर्ज किया गया। वहीं एनसीआर की बात करें तो फरीदाबाद सेक्टर 16 में 324, गुरुग्राम टेरी ग्राम में 350, नोएडा और गाजियाबाद में 314 और 241 AQI नोट किया गया।
पराली के चलते बढ़ा प्रदूषण
सफर के अनुसार, हवाओं के साथ शुक्रवार को पराली का प्रदूषण दिल्ली पहुंच रहा है। इसी वजह से दिल्ली अधिक प्रदूषित हो गई है। यह स्थिति दो दिन तक बनी रह सकती है। सीपीसीबी के एयर बुलेटिन के अनुसार, राजधानी का एक्यूआई 346 रहा। यह बीते गुरुवार को 295 दर्ज हुआ था। आईआईटीएम पुणे के अनुसार, 12 और 13 नवंबर को प्रदूषण में सुधार होने की संभावना है। प्रदूषण का स्तर खराब रह सकता है। इसके बाद 14 नवंबर को यह बेहद खराब स्तर पर रहेगा। इसके बाद अगले छह दिनों तक प्रदूषण का स्तर खराब बना रहेगा।
प्रदूषण की पाबंदियों से नहीं मिलेगी राहत
सीएक्यूएम की सबकमिटी ने राजधानी के मौजूदा हालात को देखते हुए यह साफ किया है कि अभी राजधानी को प्रदूषण की पाबंदियों से और राहत नहीं मिलेगी। इसके लिए प्रदूषण के और साफ होने का इंतजार करना होगा। पिछले दो दिनों से प्रदूषण का स्तर खराब चल रहा था। यह नवंबर के लिहाज से राजधानी के लिए कम प्रदूषित है। इसी को देखते हुए काफी लोग उम्मीद कर रहे थे कि सीएक्यूएम (कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी एंड मैनेजमेंट) की मीटिंग में प्रदूषण की कुछ पाबंदियों से राहत मिल सकती है। खास तौर पर लोग निर्माण कार्य पर लगे प्रतिबंध और डीजल की बीएस-4 व पेट्रोल की बीएस-3 गाड़ियों पर लगे प्रतिबंध से राहत चाहते हैं।
शुक्रवार देर शाम हुई मीटिंग के बाद सीएक्यूएम ने कहा कि पिछले दो दिनों से राजधानी में प्रदूषण बढ़ा है। हवाएं दिल्ली-एनसीआर का साथ नहीं दे रही हैं और प्रदूषकों को बहा नहीं पा रही हैं। पिछले दो दिनों के दौरान एक्यूआई 260 से बढ़कर 346 पर पहुंच गया है। हवाएं भी अभी उत्तर-पश्चिमी चल रही हैं। इनके साथ पराली का धुआं काफी मात्रा में आ रहा है और प्रदूषण पर असर डाल रहा है। यही वजह है कि बिगड़ते हालात को देखते हुए ग्रैप के तीसरे चरण की पाबंदियों से अभी राहत नहीं दी जा सकती। इसलिए यह पाबंदियां अभी जारी रहेंगी। सबकमिटी ने साफ किया कि उनकी प्रदूषण पर पूरी नजर है और समय-समय पर वह ग्रैप का रिव्यू करेगी। यदि प्रदूषण में और कमी आएगी तो उसी अनुरूप फैसले भी किए जाएंगे।