कांग्रेस ने हरियाणा से विधायक कुलदीप बिश्नोई को पार्टी के सभी पदों से निष्कासित कर दिया है. अब इस पूरे प्रकरण पर बिश्नोई का ट्वीट सामने आया है. उन्होंने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर अपने निष्कासन लेटर को पोस्ट करे हुए कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है. कुलदीप बिश्नोई ने लिखा, ‘कांग्रेस में कुछ नेताओं के लिए नियम हैं और कुछ के लिए अपवाद हैं. नियमों को चुनिंदा ढंग से लागू किया जाता है.
अतीत में अनुशासनहीनता को बार-बार नजरअंदाज किया गया.
मेरे मामले में, मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और नैतिकता के आधार पर कदम उठाया.’ सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की ओर से हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष से बिश्नोई की सदस्यता खत्म करने की भी सिफारिश की जा सकती है.
कार्रवाई के बाद बिश्नोई ने कांग्रेस पार्टी पर सवाल खड़े किए.
मालूम हो कि कांग्रेस ने हरियाणा से राज्यसभा चुनाव में कथित तौर पर ‘क्रॉस वोटिंग’ करने को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई को शनिवार को कार्य समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य समेत पार्टी के सभी पदों से हटा दिया. पार्टी की इस कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए बिश्नोई ने कहा कि ‘2016 और अन्य कई मौकों पर अगर पार्टी इतना त्वरित कदम उठाती, तो उसकी आज यह हालत नहीं होती.’
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बिश्नोई को कांग्रेस कार्य समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य समेत पार्टी की जिम्मेदारियों से तत्काल प्रभाव से मुक्त कर दिया. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की ओर से हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष से बिश्नोई की सदस्यता खत्म करने की भी सिफारिश की जा सकती है.
कार्रवाई के बाद बिश्नोई ने ट्वीट किया, ‘अगर कांग्रेस 2016 और कई नाजुक मौके पर इसी तरह से त्वरित और सख्त कदम उठाती तो आज उसे इस बुरी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता.’ बिश्नोई ने हरियाणा के 2016 के उस राज्यसभा चुनाव की ओर से इशारा किया, जिसमें निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा ने जीत दर्ज की थी, क्योंकि कांग्रेस के कई विधायकों ने गलत पेन से वोट किया था.
हरियाणा में रहा भाजपा का दबदबा
गौरतलब है कि हरियाणा में कांग्रेस को झटका देते हुए भाजपा के कृष्ण लाल पंवार और पार्टी के समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा ने हरियाणा से राज्यसभा की दो सीट पर जीत दर्ज की. निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार देर रात दोनों की जीत की घोषणा की. चुनाव नियमों के उल्लंघन के आरोपों को लेकर मतगणना सात घंटे से अधिक देरी से शुरू हुई और देर रात दो बजे नतीजों की घोषणा की गई.
निर्वाचन अधिकारी आरके नंदल ने बताया कि पंवार को 36 वोट मिले, जबकि शर्मा के खाते में प्रथम वरीयता के 23 मत गए और 6.6 वोट भाजपा से स्थानांतरित होकर आए, जिससे उनके मतों की कुल संख्या 29.6 हो गई. कांटे की टक्कर वाले इस मुकाबले में माकन को 29 वोट हासिल हुए, लेकिन दूसरी वरीयता का कोई वोट न होने के कारण वह हार गए.