किसान को लगी ठोकर से मिली रहस्यमय जगह, चीन में मिला 3000 साल पुराना खजाना, खुलेंगे कई रहस्य

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दक्षिण-पश्चिम चीन में कुछ ऐसा मिला है जिसे एक रहस्यमयी खजाने के रूप में देखा जा रहा है. इसके साथ ही पुरातत्वविदों का मानना है कि इससे किसी रहस्यमयी साम्राज्य के राज खुल सकते हैं. बताया जा रहा है कि ये खजाना 3 हजार साल पुराना है. इस खोजे गए खजाने में 3 हजार साल पुरानी कलाकृतियां, कछुए के आकार का बॉक्स और एक बलि की वेदी शामिल है. 

3000 साल पुराना खजाना 

दक्षिण-पश्चिम चीन में पुरातत्वविदों द्वारा खोजे गए इस खजाने में 3,000 साल से ज्यादा पुराने 13,000 अवशेषों के खजाने खोजे हैं. चीनी राज्य मीडिया ने सोमवार को इस बात का दावा किया है कि इन अवशेषों में कई कलाकृतियां सोने, कांस्य और जेड से बनी हुई हैं. इसके साथ ही पुरातत्वविदों ने चेंगदू के पास सैंक्सिंगडुई पुरातात्विक स्थल पर छह बलिदान गड्ढों भी पाए गए हैं. 

इतिहासकारों की मानें तो ये शू के प्रचानी साम्राज्य का हिस्सा है. उनका कहना है कि इस साम्राज्य का कोई लिखित इतिहास उपलब्ध नहीं है, जिस वजह से सांक्शिंगदुई संस्कृति के बारे में अभी बहुत कम जानकारी है. ऐसे में ये माना जा रहा है इस खजाने से इस संस्कृति और साम्राज्य के बारे में काफी कुछ पता चल सकता है.

किसान को लगी ठोकर से खुला था रहस्य 

यह खजाना दक्षिणपश्चिमी चीन के सिचुआन प्रांत में सांक्शिंगदुई खंडहर में मिला. सांक्शिंगदुई खंडहर की खोज मूल रूप से 1920 के दशक के अंत में हुई थी. कहा जाता है कि इस जगह की जानकारी तब मिली जब 1920 के दशक में एक स्थानीय किसान के पैरों में ठोकर लगी. जिस स्थल से हजारों प्राचीन कलाकृतियां खोजी गई हैं, वह 4.6-वर्ग-मील में फैसला हुआ है. 

इसमें लगभग 100 ग्राम (0.22 पाउंड) वजन का सुनहरा मुखौटा, हाथी दांत के अवशेष और एक जेड चाकू जैसे खजाने शामिल हैं. जिसे पिछले साल खोजा गया था. बताया जाता है कि 20वीं सदी में यह दुनिया की सबसे महान पुरातात्विक खोज में से मानी गई थी. 

खजाने के अलावा मिला ये सबकुछ 

 treasure

माना जा रहा है कि यह उस शू साम्राज्य का अवशेष है, जिसका वजूद करीब 3,000-4,500 साल पहले था. यह प्रांतीय राजधानी चेंगदू से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित ग्वांगन शहर में स्थित है. खजाने के अलावा पुरातत्वविदों को खंडहर के आसपास राख की खाई, स्थापत्य नींव और बलि देने के लिए बनाए गए छोटे गड्ढे तथा सांस्कृतिक अवशेषों के साथ ही बांस, नरकट, सोयाबीन और मवेशी तथा जंगली सुअरों के अवशेष मिले हैं, जिनकी बलि दी गयी होगी.

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सिचुआन प्रोविन्शियल कल्चरल रेलिक्स एंड आर्कियोलॉजी रिसर्च इंस्टीट्यूट, पेंकिंग विश्वविद्यालय, सिचुआन यूनिवर्सिटी और अन्य अनुसंधान संस्थानों तथा विश्वविद्यालयों 2020 से इसकी खुदाई में लगे हुए हैं. तब से अब तक यहां छह बलि देने वाले गड्ढों की खुदाई की जा चुकी है.

इस खोज में कछुए के खोल की तरह दिखने वाला बक्सा भी मिला है. शोधकर्ताओं ने इस बक्से को दिलचस्प बताया है. उनके अनुसार ये कांसे और जेड से बना हुआ है. इसके अलावा शोधकर्ताओं को तीन फीट ऊंची कांस्य की वेदी मिली है. अनुमान लगाया जा रहा है कि शू सभ्यता के लोग इसी वेदी पर बलि देते थे