Suryakumar Yadav spilled pain: न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में 51 गेंदों पर नाबाद 111 रन बनाकर गेंदबाजों के होश उड़ाने वाले सूर्यकुमार यादव भारत की 65 रन से जीत के असली हीरो रहे. सूर्यकुमार मैच में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए थे और अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से न्यूजीलैंड के खेमे में हड़कंप मचा दिया. उन्होंने बादलों से घिरे मैदान में मनमाफिक शॉट लगाए. सूर्यकुमार की निगाहें अब टेस्ट टीम में जगह बनाने पर टिकी गई हैं. सूर्यकुमार ने जिस तरह का खेल हाल ही में दिखाया है, उससे देखते हुए हर भारतीय क्रिकेट प्रशंसक को लगता है कि उन्हें दो-तीन साल पहले ही टीम इंडिया में जगह मिल जानी चाहिए थी. मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस विस्फोटक बल्लेबाज का दर्द भी इसी मुद्दे पर छलक उठा. उन्होंने खुद स्वीकार किया कि नजरअंदाज किए जाने से उन्हें निराशा हुई.
सूर्यकुमार ने खुद को संभालते हुए कहा, ‘मैं हमेशा याद करता हूं कि 2-3 साल पहले क्या स्थिति थी. उस समय थोड़ा निराश जरूर था लेकिन हमेशा यही सोचता था कि इसमें से अच्छा क्या निकाला जा सकता है. एक बेहतर क्रिकेटर कैसे बन सकता हूं. उस समय जो चीजें मैंने की, उसी का फल मुझे अब मिल रहा है. मैं अभी भी अक्सर जब अपने कमरे में होता हूं या फिर पत्नी देविशा शेट्टी (Suryakumar yadav and devisha shetty Love story) के साथ यात्रा कर रहा होता हूं तो अपने अतीत की बातें करता हूं. तब में और आज में कैसे बदलाव हुआ. हमारी अक्सर इसी मुद्दे पर बाते होती रहती हैं.’
सूर्यकुमार ने आगे कहा, ‘हमेशा जो कुछ सकारात्मक है तो हमें उस तरफ ध्यान देना चाहिए. उस समय मैंने अलग-अलग चीजों को आजमाया. मसलन अच्छा भोजन करना, प्रैक्टिस सेशन में पर्याप्त समय बिताना, सही समय पर सोना. इन्हीं सब चीजों का आज मुझे फायदा मिल रहा है.’
सूर्या ने स्वीकार करते हुए कहा कि मेरे कुछ शॉट मुझे भी हैरानी में डाल देते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं जब खेलकर वापस अपने कमरे में जाता हूं और मैच के हाइलाइट्स देखता हूं तो कुछ स्ट्रोक देखकर हैरत में पड़ जाता हूं. मैं अच्छा प्रदर्शन करूं या ना करूं, लेकिन मैं मैच के हाइलाइट्स जरूर देखता हूं. बस एक ही चीज का ख्याल रखा कि मैंने कभी खेल से आगे निकलने का प्रयास नहीं किया.’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं रूटीन को ज्यादा से ज्यादा फॉलो करता हूं. यहां तक कि मैच के दिन भी बदलाव नहीं करता. मैं 99% वही चीजें करने की कोशिश करता हूं जो आम दिन करता हूं. उदाहरण के लिए अगर मुझे जिम जाना है तो मुझे सही समय पर लंच करन होता है. बस इसी तरह की छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान देता हूं. यही वजह है कि जब मैं मैदान पर उतरता हूं तो अच्छा महसूस करता हूं.’