किसी भी नंबर पर बैटिंग करने का हुनर रखने वाला खिलाड़ी अब नहीं उतरेगा मैदान पर, धोनी ने किया सही इस्तेमाल

रॉबिन उथप्पा ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया है. (AFP)

नई दिल्ली. रॉबिन उथप्पा ने मंगलवार को क्रिकेट को अलविदा कह दिया. यह खबर मिलते ही आंखों में रॉबी की वह तस्वीर उतर आई, जब उन्होंने अपने बेहतरीन खेल से भारत का नाम रोशन किया. आमतौर कोई भी खिलाड़ी भी अपने खास खेल या शैली के लिए जाना जाता है. लेकिन रॉबिन उथप्पा के साथ ऐसा नहीं है. एक शब्द में कहें तो उन्हें जांबाज के तौर पर याद किया जाएगा. एक ऐसा खिलाड़ी जो ओपनिंग करने से लेकर किसी भी नंबर पर बैटिंग कर सकता है. विकेटकीपिंग से लेकर किसी भी जगह पर फील्डिंग करता है.

रॉबिन उथप्पा के बारे में एमएस धोनी की एक बात उनकी सारी कहानी कहती है. धोनी ने 2008 में यह बात कही थी, जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया में तीन देशों का टूर्नामेंट जीता था. रॉबिन उथप्पा ने इस ट्राईसीरीज में ओपनिंग भी की और मिडिलऑर्डर में भी बैटिंग की. यही कारण था कि ट्रॉफी जीतने के बाद एमएस धोनी से उथप्पा के बारे में सवाल किया गया. इस पर धोनी ने कहा, ‘रॉबिन हमारे ऐसे खिलाड़ी हैं, जो किसी भी नंबर पर बैटिंग करने की काबिलियत रखते हैं. वे ओपनिंग कर सकते हैं. वे तीसरे नंबर पर बैटिंग कर सकते हैं. वे लोअर-मिडिलऑर्डर पर भी खेल सकते हैं. जब टीम में ऐसा खिलाड़ी होता है तो विकल्प बढ़ जाते हैं. यकीनन, वे हमारे टीम के बेहद अहम खिलाड़ी हैं.’

ऐसा नहीं है कि सिर्फ किसी भी नंबर पर बैटिंग करने के लिए रॉबिन उथप्पा की तारीफ की जाती है. उनकी अपनी खास स्टाइल थी, जिसे काफी सराहा गया. रॉबी उन चंद बल्लेबाजों में से एक हैं, जो तेज गेंदबाजों को चहलकदमी करते हुए आगे आकर खेलते थे. ऐसा करने के लिए ना सिर्फ बैटर को तकनीकी रूप से दक्ष होना होता है, बल्कि 140-150 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से आ रही गेंद के और करीब जाने का मतलब होता है कि आपको उसे खेलने के लिए और कम वक्त मिलेगा. ऐसे में इस शॉट के साथ जोखिम बढ़ जाता है. रॉबी इस शॉट को पूरे करियर में बखूबी खेलते रहे.

हालांकि, रॉबिन उथप्पा की यही खूबियां उनके करियर के लिए नकारात्मक साबित हुई. दरअसल, इसी खूबी ने रॉबी की बैटिंग किसी भी नंबर पर फिक्स नहीं होने दी. उन्हें लगातार अलग-अलग नंबरों पर इस्तेमाल किया गया. नंबर तय ना होने से उनका रोल भी अनिश्चित हो गया. यह एक बात ऐसी थी, जिसने उनके इंटरनेशनल करियर को नुकसान पहुंचाया.

रॉबिन उथप्पा का इंटरनेशनल करियर उम्मीद के अनुरूप परवान नहीं चढ़ सका. उन्होंने 46 वनडे मैच में 25.94 की औसत से 934 रन बनाए. इसी तरह 13 इंटरनेशनल मैचों में 24.90 की औसत से 249 रन दर्ज हैं. लेकिन यह सिर्फ तस्वीर का एक पहलू है. तस्वीर का दूसरा पहलू बेहद उज्जवल है. उन्होंने 142 फर्स्टक्लास मैच में 40.71 की औसत और 22 शतक की मदद से 9446 रन बनाए हैं. लिस्ट ए और घरेलू टी20 मैचों में भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा. रॉबी ने 203 लिस्ट ए मैच में 35.31 की औसत और 16 शतक की मदद से 6914 रन बनाए हैं. इसी तरह उन्होंने 291 टी20 मैचों में 28.18 की औसत से 7272 रन बनाए, जिनमें 92 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा.

रॉबिन उथप्पा अब जबकि वे संन्यास ले चुके हैं, तो इस बार पर गर्व कर सकते हैं कि वे उन टीमों का हिस्सा रहे, जिन्होंने बार-बार रणजी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी जीती. उथप्पा आईपीएल में 6 अलग-अलग टीमों से खेले. तीन बार ट्रॉफी जीतने वाली विजेता टीम का हिस्सा रहे.