एक ऐसा थाना जहां FIR ल‍िखवाने नहीं बल्‍क‍ि दूर-दूर से घूमने आते हैं लोग, जानें क्‍यों?

पुलिस और थाने का नाम सुनते ही खाकी की तस्वीर आंखों पर आ जाती है. अक्सर थाने में लोगों की फरियाद सुनी जाती है, लेकिन छत्‍तीसगढ़ के बालोद जिले के वनांचल इलाके में एक ऐसा भी थाना है जो लोगों की फरियाद सुनने के अलावा मनोरंजन व सैर सपाटे के भी उपयोग में आता है. यहां दूर दराज से लोग केवल घुमने के ल‍िए आते हैं.

ये तालाब में तैरते बतख, रंग बिरंगे फूलों वाला गार्डन, गार्डन में घुमती मुर्गियां, साउंड सिस्टम से लैस लॉरी, लॉरी में बैठे लोग और लॉरी के सामने फव्‍वारे. यह कोई पार्क, होटल या रिर्साट नहीं बल्कि यह छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के वनांचल क्षेत्र के संवेदनशील इलाके का थाना है, जो मंगचुवा गांव में बना है. दशकों पहले यह इलाका नक्सलि‍यों का गढ़ हुआ करता था. उस समय थाना एक शमशान हुआ करता था, लेकिन जैसे ही कांकेर जिले से एसआई दिलीप नाग का स्थानांतरण बालोद जिला हुआ. उसके बाद धीरे-धीरे कर थाने की तस्वीर ही बदल गई. नवंबर 2019 में दिलीप नाग को बालोद जिले के मंगचुवा थाने में थाना प्रभारी की जिम्मेदारी मिली. उन्होंने जब उस समय थाने का स्वरूप देखा तो थाने का स्वरूप बदलने की ठान ली.

थाना प्रभारी दिलीप नाग का मानना है कि पुलिस का नाम सुनते ही लोगों में भय बना रहता है, जिसके चलते लोग पुलिस के पास अपनी फरियाद बेहतर तरीके से पेश नहीं कर पाते. इसलिए जैसे ही दिलीप नाग की मंगचुवा थाने में पोस्टिंग हुई उसी दिन से उन्होंने थाने की तस्वीर बदलने की ठान ली. उन्होंने थाने को प्राकृतिक वातावरण में परिवर्तन करने की योजना बनाई और शुरुआत में अपने खर्च से थाने का कायाकल्प करने की कोशिश में लग गए. थाना प्रभारी के काम को देखकर आसपास के जनप्रतिनिधि आगे आए और थाना प्रभारी की मदद करने लगे. देखते ही देखते आज शमशान की तस्वीर गार्डन के रूप में तब्दील हो गई.

कहते हैं काम ऐसा करो की पहचान बन जाए. भले ही थाना प्रभारी का स्थानांतरण कुछ वर्षों में उस थाने से दूसरी जगह हो जाएगा, लेकिन दिलीप नाग द्वारा किए गए कार्य सालों-साल लोगों के जहन में जिंदा रहेंगे. ग्रामीण उत्तम सिंग ठाकुर ने बताया क‍ि पहले जो क्षेत्र नक्सलि‍यों का गढ़ हुआ करता था. थाने का नाम सुनते ही लोग दूर से अपने कदम रोक लेते थे. वहां आज दिलीप नाग की पहल ने पुलिस के प्रति लोगों की सोच को ही बदल कर रख दिया. पहले जब लोगों की मौत हो जाती थी, तो उसे जलाने के लिए उपयोग किए जाने वाले स्थान में आज लोग मनोरंजन करने के लिए आते हैं और सुकुन महसूस करते हैं.

दिलीप नाग ने थाने के एक हिस्से में तालाब का निर्माण किया है. जहां मछली पालन भी किया गया है. उसके ठीक किनारे भगवान शिव का मंदिर है. सावन माह में और शिवरात्रि के दिन ग्रामीण वहां पूजा करने के लिए भी पहुंचते हैं. थाना प्रभारी की इस पहल को देख हर कोई उनकी सराहना कर रहे हैं, तो वहीं पुलिस अधीक्षक भी उनके कार्यों की प्रशंसा करने से अपने आप को रोक नहीं पाए.