पटना में गंगा किनारे लगाई छठ पूजा की अनूठी पेंटिंग, बिहार की संस्कृति का प्रसार है मकसद

यह पेटिंग 21 फीट लंबी और 15 फीट चौड़ी है। एमिटी यूनिवर्सिटी प्रो. डॉ. वी. पांडे ने बताया कि हम चाहते हैं कि इस त्योहार का संदेश दुनिया तक पहुंचे। इस पेंटिंग को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स को भेजा जाएगा, ताकि पूरी दुनिया इसे देख सकेगी।

छठ पूजा के लिए पटना में गंगा तट पर लगाई गई विशाल पेंटिंग
छठ पूजा के लिए पटना में गंगा तट पर लगाई गई विशाल पेंटिंग

छठ पूजा के मौके पर बिहार की राजधानी पटना में कलाकारों और विद्यार्थियों ने गंगा नदी के तट पर विशाल पेंटिंग लगाई है। इसका मकसद पूरी दुनिया में इस त्योहार का संदेश फैलाना है। तीन दिनी छठ महोत्सव 28 अक्तूबर शुक्रवार से शुरू होगा।

यह पेटिंग 21 फीट लंबी और 15 फीट चौड़ी है। एमिटी यूनिवर्सिटी प्रो. डॉ. वी. पांडे ने बताया कि हम चाहते हैं कि इस त्योहार का संदेश दुनिया तक पहुंचे। इस पेंटिंग को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स को भेजा जाएगा, ताकि पूरी दुनिया इसे देख सकेगी।

पेंटिंग बनाने वाले विद्यार्थियों में शरीक छात्रा अंकिता ने बताया कि इसे सूती कपड़े और प्रामाणिक रंगों से बनाई गई है। एक अन्य छात्रा शालिनी ने बताया कि अब तक छठ को लेकर कोई विश्व रिकॉर्ड नहीं था। हम बिहार की कला और संस्कृति के प्रसार के लिए यह कदम उठा रहे हैं।

हल्दी, नील, चंदन का इस्तेमाल

यह पेंटिंग बनाने के लिए हल्दी, नील, चंदन पाउडर जैसे प्राकृतिक उत्पादों का इस्तेमाल किया गया है। तीन दिनी छठ महोत्सव 28 अक्तूबर शुक्रवार से शुरू होगा।

छठ पूजा की शुरुआत शुक्रवार से हो रही है। 29 अक्तूबर को खरना है। 30 अक्तूबर को अस्ताचलगामी यानी डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके अगले दिन सुबह यानी 31 अक्तूबर को उदयगामी यानी उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा का समापन होगा।

सूर्य व छठ माता की उपासना का महापर्व
छठ सूर्य उपासना और छठी माता की उपासना का पर्व है। हिन्दू आस्था का यह एक ऐसा पर्व है, जिसमें मूर्ति पूजा शामिल नहीं है। इस पूजा में छठी मईया के लिए व्रत किया जाता है। यह व्रत कठिन व्रतों में से एक माना जाता है।