सिरमौर में एक साल 10 महीने का अदभुत बालक, पढ़ता है गायत्री मंत्र तो कमाल की स्मरण शक्ति

 कहते हैं, होनहार बिरवान के होत चिकने पात। यानि, पूत के पांव पालने में दिख जाते हैं। यकीन मानिए, यहां चर्चा में आने वाला भी एक साल 10 महीने का एक ऐसा बच्चा है, जो वास्तव में ही पालने में है।

सिरमौर के राजगढ़ के रहने वाले दंपत्ति के बेटे काव्यांश गौतम ने मात्र एक साल 10 महीने की उम्र में पहला रिकॉर्ड बनाया। इसमें काव्यांश ने 10 सैकेंड का गायत्री मंत्र गाया। शायद, इस उम्र का कोई भी बच्चा ऐसी अनोखी प्रतिभा (unique talent) का धनी नहीं होता।
ये रिकॉर्ड इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड (India Book of Records) में दर्ज हुआ है। एक साल 10 महीने के हो चुके काव्यांश की स्मरण क्षमता (memory capacity) भी अदभुत है।

इस उम्र में जब बच्चे ठीक से बोल भी नहीं पाते हैं, तब वो धड़ाधड़ अपने अंगों के बारे में विस्तार से तो बताता ही है। साथ ही सब्जियों की तस्वीरें देखकर उन्हें पहचान लेता है।

29 अप्रैल 2020 को जन्में काव्यांश के माता-पिता भी खासे उत्साहित (Excited) हैं, क्योंकि बालक को संस्कार (Secrament) उन्हीं से प्राप्त हो रहे हैं। रिकॉर्ड बनने पर काव्यांश के लिए मैडल एक टॉय (Toy) भी बन  जाएगा। परिवार को रिकॉर्ड दर्ज होने की कन्फर्मेशन मेल (Confirmation Mail) मिल चुकी है।

माता-पिता की मानें तो एक साल 6 महीने की उम्र से काव्यांश की एक्टिविटी (Activityy) को नोटिस करना शुरू किया। वो घर पर लाई जाने वाली सब्जियों व फलों को पहचानने लगा। पिता केवल गौतम का कहना है कि पति-पत्नी दसवीं तक ही पढ़ें हैं। काव्यांश की मां गृहणी है। किसी ने बताया कि बच्चे की वीडियो बनाकर रिकॉर्ड के लिए भेजने चाहिए।

इसके लिए सर्च करना शुरू किया तो पाया कि जो बच्चे अदभुत प्रतिभा के धनी है, उनके माता-पिता बड़े पदों पर काबिज हैं, यहां से कॉन्फिडेंस लूज (loose confidence) हुआ, लेकिन एक मेल रिकॉर्ड के लिए की। जवाब में वीडियो मांगे गए। अब धीरे-धीरे हम दोनों में आत्मविश्वास बढ़ा है।

पिता की मानें तो पहले तो काव्यांश में मौजूद अदभुत प्रतिभाओं से अनजान थे, जब समझ आया तो काव्यांश की उम्र के अन्य बच्चों से भी तुलना की। तब अंदाजा हुआ कि काव्यांश में कुछ अलग बात है।

दीगर है कि नन्हीं उम्र में शिमला के कोटखाई के रहने वाले अरुणोदय शर्मा ने अपनी क्यूटनेस (Cuteness) से करोड़ों का दिल जीता है।

सोलन की फार्मा कंपनी में काम करने वाले काव्यांश के पिता का कहना है कि बेटा इकलौती संतान है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि सबके आशीर्वाद व स्नेह से काव्यांश जीवन में देश व प्रदेश का नाम रोशन करेगा।