AAP Mission Gujarat: 2027 छोड़िए, 2023 में होगी आप की परीक्षा, कांग्रेस के स्टैंड पर टिका है गुजरात में AAP का भविष्य

15वें विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद से एक सवाल सभी के जेहन में था कि पांच सीटों पर सिमटेगी आम आदमी पार्टी अब आगे क्या करेगी? पार्टी की राष्ट्रीय परिषद में अरविंद केजरीवाल ने गुजरात को लेकर पार्टी के स्टैंड को क्लियर कर दिया। उन्होंने कहा कि आप लंबी लड़ाई लड़ेगी और 2027 में सरकार बनाएगी।

अहमदाबाद: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (आप) के 14वें राष्ट्रीय अधिवेशन में मिशन गुजरात को जारी रखने के साथ 2027 में प्रदेश की सत्ता हासिल करने का ऐलान किया। इससे साफ हो गया कि आप हार मानने वाली नहीं है और अपने मिशन गुजरात को जारी रखेगी, लेकिन राजनीतिक तौर पर इस बयान के कई मायने हैं, क्या वाकई में आप गुजरात में सरकार बनाने का माद्दा रखती है? क्या 15वें विधानसभा चुनावों में 17 सीटों पर सिमटी कांग्रेस गुजरात में खत्म हो जाएगी? क्या प्रचंड बहुमत से जीती आप को और पैर पसारने देगी? ऐसे कुछ सवाल हैं जो गुजरात की राजनीति में मौजूद हैं। गुजरात में आप का क्या होगा? इसके लिए 2023 का साल काफी महत्वपूर्ण है।

विधानसभा चुनावों के बाद अब राज्य में 2023 में जिला पंचायत, तहसील पंचायत और नगर पालिकाओं के चुनाव होंगे। इन चुनावों में एक बार फिर से बीजेपी, कांग्रेस और आप के बीच त्रिकोणीय लड़ाई होगी। ऐसी उम्मीद है कि 2023 के फरवरी महीने के बाद ये चुनाव हो सकते हैं। आम आदमी पार्टी को विधानसभा चुनावों में 13 प्रतिशत वोट मिले हैं और पांच प्रत्याशी जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं। ऐसे में पार्टी की इन चुनावों प्रदर्शन काफी अहमियत रखेगा। इन चुनावों के खत्म होने के बाद 2024 के आखिर लोकसभा चुनावों का मूड बन जाएगा। ऐसे में 2027 से पहले आम आदमी पार्टी को गुजरात में कई परीक्षाएं देनी पड़ेंगी। आम आदमी पार्टी और बढ़ेगी या फिर घटेगी। इसके लिए ये चुनाव बेरोमीटर का काम करेंगे। इन चुनावों में आप अगर अपनी उपस्थिति दर्ज कराती हैं तो निश्चित तौर पर उसकी राह आसान होगा और उसके गुजरात में हाथ मजबूत होंगे।

कांग्रेस का होगा नवर्सजन
गुजरात में अपने सबसे बुरे दौर में पहुंची कांग्रेस पार्टी क्या नवसर्जन कर पाएगी? अगर पार्टी विधानसभा चुनावों में कमजोर प्रदर्शन से सबक लेकर आगे बढ़ती और लड़ती हुई दिखती हैं तो आप के लिए राजनीतिक स्पेस उतना कम हो जाएगा। नहीं तो आप के विपक्ष की जमीन कब्जाने के राह आसान हो जाएगी। कांग्रेस में युवा नेताओं अनंत पटेल और जिग्नेश मेवाणी समेत गेनीबेन ठाकोर को आगे करने की मांग चल रही है। ऐसे में गुजरात में कांग्रेस की सक्रियता और उसका स्टैंड आप का भविष्य तय करेगा। एक अनुमान के मुताबिक आप की वजह से कांग्रेस 37 सीटें गंवाई। आप की एंट्री कांग्रेस को कितना नुकसान हुआ इस पर राहुल गांधी भी बोल चुके हैं। उन्होंने कहा कि आप अगर नहीं गई होती तो हम गुजरात में सरकार बनाते। ऐसे में क्या कांग्रेस प्रदेश में बीजेपी से लड़ने और आप से बचने के लिए कोई रणनीति बनाकर आगे बढ़ेगी या फिर पार्टी स्वीट सरेंडर जारी रहेगा। यह सबसे बड़ा सवाल है क्योंकि गुजरात में अब कांग्रेस के लिए करो या मरो की स्थिति है। तो वहीं साल 365 दिन इलेक्शन मोड में रहने वाली बीजेपी बिखरे विपक्ष का पूरा लाभ लेना चाहेगी। आने वाले दिनों गुजरात में लड़ाई सत्ता की नहीं बल्कि मुख्य विपक्ष की होगी।

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एक कार्यक्रम के अपनी बात रखते अरविंद केजरीवाल।

आसान नहीं है आप की राह
आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भले ही यह कहा कि 10 साल में आम आदमी पार्टी (आप) राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने वाली इकलौती पार्टी हैं। हम 2027 में गुजरात में सरकार बनाएंगे, लेकिन गुजरात में आम आदमी पार्टी की राह इतनी आसान नहीं है। सातवीं बार सत्तारूढ़ बीजेपी कभी नहीं चाहेगी कि आप को गुजरात में जमीन मिलेगी और उसकी मुश्किलें बढ़ें। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी किन कार्यक्रमों और मुद्दों के साथ 2023 में आगे बढ़ती है। केजरीवाल के इस बयान को फिलहाल कार्यकर्ताओं, नेताओं और विधायकों के मनोबल को ऊपर बनाए रखने से जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि पार्टी 13 फीसदी वोटों से खुश तो है लेकिन पांच विधायकों की संख्या से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं है।