AARTI 🌹RATRA⚘️ POET
सुबह की किरण उजाला लेकर आती है।
चिड़िया की चहचहाहट जगाती है।
सुबह की चाय साथ निभाती है।
वह चाय की चुस्की गरम-गरम ठंड में राहत लाती है।
वह सुबह की खामोशी अपने आप की पहचान कराती है।
अपने हर ख्वाब को पूरा करने की उमंग लेकर आती है।
सुबह की किरण उजाला लेकर आती है|
अपनी नींद उड़ा कर सारी रात जगाती है मां ,
, लोरी सुना कर मीठी नींद से रुलाती है मां ,
अपने आंसू छुपा कर हंसाती है मां ,
हर मुश्किल रास्ते से आगे गुजर ना सिखाती है माँ ,
खुद गीली जमीन पर सोकर सूखे में सुलाती है मां |
“यह सफर कभी रुकता नहीं” मंजिल चाहे कोई भी हो यह सफर कभी रुकता नहीं ,
मंजिल चाहे आसान हो या मुश्किल यह सफर कभी रुकता नहीं,
रास्ते पर चाहे पत्थर हो या फूल यह सफर कभी रुकता नहीं,
मंजिल चाहे कोई भी हो यह सफर कभी रुकता नहीं|