हमीरपुर. हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के रहने वाले अभिमन्यु शर्मा नेवी में सब लेफ्टिनेंट बन गए हैं.

एनडीए के लिए पहली बार लिखित परीक्षा में वह सफल नहीं हो पाए थे, लेकिन अपनी उन्होंने अपनी उम्मीद नहीं छोड़ी और दूसरी बार जब उन्होंने परीक्षा दी तो वह सफल हो गए.

अभिमन्यु की तैनाती INS शिवाजी लोनावाला पुणे में हुई है. अभिमन्यु का कहना है कि जब एनडीए में लिखित परीक्षा पास की थी तो उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी में जियोलॉजी विभाग में एडमिशन ले जिया था. इसके अलावा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में भी ट्रेनिंग के लिए उनका चयन हुआ था.

अभिमन्यु इंटर जोन फुटबॉल और खो खो खेल चुका है. बैडमिंटन में वह गोल्ड मेडलिस्ट हैं. अब ट्रेनिंग के दौरान फुटबॉल और स्विमिंग भी करते रहे.पिता मनोज शर्मा का कहना है कि बेटे का एनआईटी में नंबर आ गया था, लेकिन वह वहां नहीं गया, क्योंकि वह सेना में ही जाना चाहता था.

उसके सपने को साकार करने के लिए उन्होंने उसका बहुत साथ दिया. यही कारण है कि वह आज अपनी चाहत को पूरा कर रहा है
उनका कहना है कि देश की सीमाओं की रक्षा करने के लिए हजारों परिवार अपने बेटों को बॉर्डर पर भेज रहे हैं. उनका भी अकेला बेटा है, जो भारतीय नेवी में पहली पोस्टिंग पुणे में हुई है.,