कांग्रेस के करीब 6 मौजूदा विधायक भाजपा के संपर्क में, मिशन रिपीट के लिए दिन रात एक कर रही है नड्डा और जयराम की जोड़ी
हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार दौरे हो रहे है,,दौरो के बाद मजबूत स्थिति में भाजपा दिखती नजर आ रही है और कांग्रेस पार्टी के नेता जिस तरह से चुनावी मैदान छोड़कर सिर्फ टिकट आवंटन तक ही सीमित दिखाई दे रहे हैं,,, ऐसी स्थिति में कहीं ना कहीं भाजपा को सीधा लाभ कांग्रेस की कमजोरी का मिलता नजर आ रहा है,,, वही किसी बड़े कद्दावर चेहरे की कमी भी अब कांग्रेस पार्टी में दिखाई देने लगी है… लेकिन आज चर्चा कांग्रेस की नहीं ब्लकि हम भाजपा की करेंगें,,, जो नई बिसात जगत प्रकाश नड्डा हिमाचल प्रदेश में बिछा रहे हैं उस हिसाब का क्या रिजल्ट निकल कर आएगा,,, क्या उसका नतीजा रहेगा और इसी के साथ हिमाचल प्रदेश में कौन सा गुट किस पर भारी पड़ेगा ,,,इस बात की चर्चा आज हम करेंगे.. भाजपा में इस समय अगर हम बात करें तो दो ही बड़े राजनीतिक प्रतिद्वंदी आमने-सामने हैं,,, एक गुट इस समय राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के साथ है और यहां पर बहुत से अन्य नेता भी अब नतमस्तक हो चुके हैं और किसी न किसी रूप में चाहते हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का आशीर्वाद उन्हें मिले ताकि भविष्य की राजनीति की एक जो लाइन उनकी खराब हुई है वो लाइन बन सके..
वही दूसरा गुट यहां पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का है लेकिन धूमल खुद बड़े लंबे समय से शांत हैं और वह किसी भी बड़ी राजनीतिक टिप्पणी से लगातार दूरी बनाए हुए हैं ,,,मतलब एक शांति उनकी तरफ से पूरे प्रदेश में लगातार बनी हुई है ऐसे में क्या बड़ी हलचल उनकी तरफ से होती है यह बड़ी बात है.. .. वहीं कुछ समीकरण इन दिनों एक बार फिर बनते दिखाई दे रहे हैं जिसमें सबसे बड़ा समीकरण देहरा और ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र का है ,, पिछले कल राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की कांगड़ा के कुछ नेताओं के साथ रात को बिलासपुर में एक बैठक हुई ,,, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उस बैठक के बाद नतीजे निकल कर सामने आए है,,, उसके अनुसार एक तरफ जहां ज्वालामुखी से ठाकुर रविंद्र सिंह रवि को भाजपा आजमां सकती है ,,,,वहीं दूसरी तरफ रमेश धवाला क्योंकि भाजपा का कद्दावर चेहरा है उन्हें भी एडजेस्ट करने के लिए देहरा से टिकट दिया जा सकता है,, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता
कांगड़ा की राजनीति हिमाचल प्रदेश की दशा और दिशा दोनों को तय करती है ऐसे में नड्डा भी भलीभांति उस स्थिति से परिचित हैं,,, यही कारण है कि वह लगातार कांगड़ा में डैमेज कंट्रोल का काम कर रहे हैं और यह उनका उस डैमेज कंट्रोल में पहला कदम माना जा रहा है,,, इसके बाद दूसरी ओर राजनीतिक गलियारों में जिस बात को लेकर चर्चा बहुत अधिक है वो है नैना देवी विधानसभा जहां पर रणधीर शर्मा भाजपा की टिकट के दावेदार तो जरूर है,, लेकिन सुरेश चंदेल जब पार्टी में आए हैं तो कहीं ना कहीं अब यह माना जा रहा है कि नैना देवी से सुरेश चंदेल की भी दावेदारी उम्मीदवार के रूप में हो सकती है ,,, रणधीर शर्मा भी एक मजबूत चेहरा है और लगातार जनता के बीच में उन्होंने काम भी किया है.. आज राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा मंडी में है उनका हमीरपुर लोकसभा और कांगड़ा लोक सभा का दौरा पिछले कल था,, जिसके नतीजे सांसद सुरेश चंदेल के नाम के रूप में और उसके बाद ज्वालामुखी और देहरा के डैमेज कंट्रोल के रूप में निकल कर सामने आए हैं
हालांकि जसवां परागपुर को लेकर वह क्या करते हैं यह अभी भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है,, लेकिन यह माना जा रहा है कि बड़े मास्टर प्लान के तहत फिर जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश के दौरे पर हैं और टिकट आवंटन को लेकर बड़े फैसले वह करने वाले हैं,,, ठाकुर रविंदर सिंह रवि,, रमेश धवाला,, सुरेश चंदेल और रणधीर शर्मा यह कुछ ऐसे नाम है जो कहीं ना कहीं नड्डा की राजनीति में भी फिट नहीं बैठते हैं,, ऐसे में अब इनको किस रूप में भाजपा लेती है बड़ा सवाल है क्योंकि चर्चा यह भी है कि भाजपा में इस बार भी कुछ बड़ा अंदर खाते घट सकता है.. हालांकि जहां तक राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा या मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की बात है तो दोनों ही चेहरे कंधे से कंधा मिलाकर हिमाचल प्रदेश में डैमेज कंट्रोल के लिए निकले हुए हैं और लगातार हर स्थिति का मुआयना कर अगला निर्णय यह दोनों चेहरे ले रहे हैं,,, ,, रिवाज बदलने की बात मुख्यमंत्री बार-बार कह रहे हैं ,,, और कहीं ना कहीं जगत प्रकाश नड्डा भी लगातार फीडबैक ले रहे हैं और हिमाचल में प्रभारी,,, सह प्रभारी और चुनावों के प्रभारी लगातार काम कर रहे हैं वह भी नड्डा के साथ मंत्रणा कर रहे हैं मतलब एक बड़ी लंबी चौड़ी टीम भाजपा की हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के लिए तैयार है ,,, माना जा रहा है कि टीम एक तरफ जहां दोनों ही गुटों से जीताऊ उम्मीदवारों को आगे लाकर चुनाव मैदान में उतारने का काम कर रही है ,,,, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी से भी एक बड़े पलायन का प्रयास यहां पर हो रहा है,,, यह माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी के 4 से 6 मौजूदा विधायक अभी भी भाजपा के संपर्क में है जो कि कभी भी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो सकते हैं..