चंडीगढ़. पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या को अंजाम देने के लिए करीब 60 गैंगस्टर्स और उनके गिरोह के लोग शामिल थे. दिल्ली और पंजाब पुलिस का एक बड़ा अमला अभी भी इस मामले की छानबीन में जुटा हुआ है. जांच में यह निष्कर्ष निकला है कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या गैंगस्टर्स के दो गुटों की आपसी रंजिश के कारण की गई थी, जबकि मूसेवाला खुद किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं थे. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में दिल्ली और पंजाब पुलिस के करीब 600 अधिकारियों और कर्मचारियों ने मामले की तह तक जाने के लिए कई सप्ताह तक जांच की है, जो अभी भी जारी है. फिलहाल इस हत्या को अंजाम देने वाले तीन शूटर्स अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.
दिल्ली और पंजाब पुलिस के इस बड़े अमले ने जांच के दौरान डंप से लाखों फोन कॉल्स उठाए, इंटरनेट पर शूटरों के पगमार्क और कई राज्यों में फैले सीसीटीवी कवरेज का डेटा इकट्ठा किया. संदिग्धों की तलाश के लिए इस डेटा की छंटनी की और उसका विश्लेषण किया. वारदात में इस्तेमाल हथियार अभी भी बरामद नहीं हुए हैं. पता चला है कि शूटर्स ने हरियाणा के भिवानी में एक साथी को हथियार सौंपे थे, जो लापता है. पुलिस जांच और सोशल मीडिया पर आरोपियों के कबूलनामे को एक साथ जोड़ते हुए पंजाब और दिल्ली पुलिस का दावा है कि जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई इस मर्डर का मास्टरमाइंड था. उसने ही कथित तौर पर सिद्धू मूसेवाला की हत्या का आदेश दिया था.