शिमला. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला (Shimla Accident) में एक गाड़ी हादसे का शिकार हो गई. शिमला के शोघी-मेहली बाईपास पर पंजाब नम्बर की गाड़ी अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी. हादसे के वक़्त गाड़ी में कुल 4 लोग सवार थे, जिनमें से 3 लोगों की मौत हुई है. स्थानीय लोगों की मदद से घायल व्यक्ति को आईजीएमसी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है.
जानकारी के अनुसार, मृतकों की पहचान कृष्ण पुत्र चंदिया नंगल पंजाब, अमर पुत्र जैल सिंह नंगल पंजाब और राजवीर पुत्र एतवारी, लुधियाना पंजाब के रूप में हुई है. घायल की पहचान लखन पुत्र बालक नंगल का रहने वाला है. हादसा सोमवार रात 9 बजे पेश आया है और पुलिस को दिए बयान में घायल लखन ने बताया कि वो लोग कबाड़ का काम करते हैं. सोमवार को जब सोलन की तरफ जा रहे थे तो मेहली बाईपास पर बनोग गांव में उनकी गाड़ी करीब 900 मीटर खाई में जा गिरी. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
चंडीगढ़-धर्मशाला हाईवे पर पलटी सीटीयू की बस, घायल हुए तीन यात्री
वहीं, मंगलवार सुबह ऊना जिला मुख्यालय के समीपवर्ती पनोह में चंडीगढ़-धर्मशाला हाइवे पर सीटीयू की बस अनियंत्रित होकर पलट गई. हादसे में कुछ यात्री आंशिक रूप से घायल हुए हैं. हालांकि, गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा होने से टल गया. बस में करीब 9 यात्री सवार थे. घायल यात्रियों को उपचार के लिए रीजनल अस्पताल पहुंचाया गया है. प्रथम दृष्टया हादसे का कारण बस का स्किड होना बताया जा रहा है. पुलिस बस के चालक परिचालक समेत बस में सवार यात्रियों के बयान कलमबद्ध किए हैं. सीटीयू की बस कांगड़ा जिला के 32 मील से चंडीगढ़ वापस जा रही थी. मौके पर मौजूद लोगों ने फौरन हादसा ग्रस्त बस में से यात्रियों को बाहर निकाला और उन्हें अस्पताल भेजने की व्यवस्था की. हादसे के चश्मदीदों बक्शी सिंह और विशाल ठाकुर ने बताया कि सीटीयू की बस स्किड होकर सड़क के बीचो-बीच पलट गई. उनका कहना है कि हाईवे पर जगह-जगह बनाए गए स्पीड ब्रेकर हादसों का कारण बन रहे हैं.
क्या कहती है पुलिस
डीएसपी हरोली अनिल पटियाल का कहना है कि पुलिस ने हादसे के संबंध में जांच शुरू कर दी है. बस में सवार यात्रियों, चश्मदीदों और बस के ड्राइवर कंडक्टर के बयान दर्ज किए हैं. प्रथम दृष्टया हादसे का कारण बारिश के चलते सड़क पर स्किड होना माना जा रहा है. इस स्थान पर बार-बार हादसे होने के सवाल पर डीएसपी अनिल पटियाल ने कहा कि पुलिस इस मामले की जांच करेगी और अगर जरूरी हुआ तो इसे ब्लैक स्पॉट चिन्हित किया जाएगा.