दावत-ए-इस्लामी संगठन 194 देशों में फैला है। इसकी शुरुआत साल 1981 में पाकिस्तान के कराची से हुई थी।
पाकिस्तान के कराची में इस संगठन की शुरुआत साल 1981 में हुई थी। मौलाना इलियास अत्तारी ने कराची में इसका गठन किया था। आज इस संगठन के तार दुनिया के 194 देशों में फैले हुए हैं। इस संगठन से जुड़े लोग अपने नाम के साथ अत्तारी लगाते हैं। आरोपी रियाज भी अपने नाम के साथ अत्तारी लिखता है। आईए आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों हैं?
दुनिया के 194 देशों में फैले दावत-ए-इस्लामी संगठन की शुरुआत साल 1981 में हुई थी। इसका गठन मौलाना इलियास अत्तारी ने किया था। इसके बाद से दावत-ए-इस्लामी से जुड़े लोग सभी लोग अपने नाम के साथ भी अत्तारी लगाने लगे। तब से शुरू हुआ यह सिलसिला आज भी चल रहा है। अपने नाम के साथ अत्तारी लगाने वाला आरोपी रियाज भी इसी संगठन का सदस्य है। एनआईए की जांच में भी यही सामने आया है।
दिल्ली और मुंबई में मुख्यालय
दावत-ए-इस्लामी संगठन भारत में भी काम कर रहा है। दिल्ली और मुंबई में इसके मुख्यालय हैं। सैयद आरिफ अली अत्तारी संगठन के विस्तार को लेकर देश में काम कर रहे हैं।
देश में कैसे पहुंचा दावत-ए-इस्लामी?
पाकिस्तान से उलेमा का एक प्रतिनिधिमंडल साल 1989 में भारत आया था। इसके बाद से दावत-ए-इस्लामी संगठन को लेकर देश में चर्चा शुरू हुई और फिर इसकी शुरुआत भी हो गई। तभी से यह संगठन देश में लगातार अपना विस्तार कर रहा है।
पाकिस्तान ने आरोपों पर क्या कहा?
इधर, हत्याकांड को लेकर पाकिस्तान ने कहा कि उदयपुर में हुई हत्या के बारे में हमने मीडिया के जरिए पता चला है। भारतीय मीडिया में हत्या करने वाले आरोपियों के संबंध पाकिस्तान के एक संगठन से बताए जा रहे हैं। हम इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं। पाकिस्तान की इस सफाई में खास बात यह रही कि उसने दावत-ए-इस्लामी संगठन का नाम नहीं लिया। जबकि हत्या में शामिल दोनों आरोपियों का इसी संगठन से संबंध होने की बात सामने आई है।