गड्ढा खोदकर तो कभी पोस्टर चिपकाकर गुजारा करते थे एक्टर लिलिपुट, भूख भी नहीं तोड़ पाई थी ‘दद्दा त्यागी’ का जुनून

छोटा कद लेकिन कमाल का टैलेंटे। कई टीवी सीरियल और फिल्मों में अपने अभिनय से एंटरटेन करने वाले लिलिपुट का बौनेपन की वजह से काफी मजात उड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने खूब मेहनत की और आज इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई। आज सैटर्डे सुपरस्टार में हम इन्हीं की पूरी कहानी जानेंगे।

एक्टर लिलिपुट याद हैं? इन्हें आपने कई फिल्मों और टीवी शोज में देखा होगा। वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ में लिलीपुट दद्दा त्यागी के रोल में दिखे थे। लिलिपुट 37 साल से फिल्म और टीवी इंडस्ट्री का हिस्सा हैं। इतने लंबे समय में उन्होंने फिल्मों से लेकर टीवी की दुनिया में ढेरों किरदार निभाए और हर किरदार में खुद को साबित किया। अपने टैलेंट और कामयाबी की राह में लिलिपुट ने ‘बौनेपन’ को भी नहीं आने दिया। बौने कद की वजह से लिलिपुट का इंडस्ट्री में खूब मजाक उड़ाया जाता था। लिलिपुट जिसके भी पास काम मांगने जाते, वो उन्हें ‘बौना’ कहकर या फिर मजाक उड़ाकर रिजेक्ट कर देता। काम देने से पहले हर कोई लिलिपुट की शक्ल और कद देखता। पर लिलीपुट ने हिम्मत नहीं हारी। अपनी मेहनत और लगन से न सिर्फ अपनी किस्मत की रेखाएं बदलीं बल्कि सबके लिए एक मिसाल कायम की।

तो चलिए ‘नवभारत टाइम्स ऑनलाइन’ की ‘सैटरडे सुपरस्टार’ सीरीज में हम आपको ‘मिर्जापुर’ के दद्दा त्यागी यानी लिलीपुट की कहानी बताते हैं।

लिलिपुट की शुरुआती जिंदगी

लिलिपुट का असली नाम एमएम फारुकी है। उन्होंने लिलिपुट नाम जोनाथन स्विफ्ट की नॉवल ‘गुलिवर ट्रैवल्स’ से इंस्पायर होकर रखा था। बिहार के गया के रहने वाले लिलिपुट ने शुरुआत से ही सिनेमा में करियर बनाने का सपना देखा था। फिल्मी दुनिया में उनकी शुरुआत 1985 में हुई। उस साल लिलिपुट ने एक साथ फिल्म और टीवी की दुनिया में कदम रखे थे। एक तरफ वह फिल्म ‘सागर’ में नजर आए तो दूसरी तरफ ‘इधर-उधर’ टीवी शो से छोटे पर्दे की दुनिया में डेब्यू किया था।

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ढेरों टीवी सीरियल और फिल्मों में काम

लिलीपुट ने फिर ‘हुकूमत’, ‘वो फिर आएगी’, ‘आंटी नंबर 1’, ‘शरारत’, ‘बंटी और बबली’, ‘कामयाब’ और ‘बीस्ट’ जैसी फिल्में कीं। टीवी की दुनिया में लिलिपुट ने खूब नाम कमाया। वह ‘देख भाई देख’ में अलग-अलग किरदारों में दिखे। इसके अलावा उन्होंने ‘विक्रम और बेताल’, ‘शौर्य और सुहानी’, ‘अदालत’, ‘रजिया सुल्तान’ और ‘जबान संभाल के’ जैसे टीवी सीरियल किए।

‘विक्रम और बेताल’ की लिखी कहानी

आपको जानकर हैरानी होगी कि लिलिपुट ने ‘विक्रम और बेताल’ में सिर्फ एक्टिंग ही नहीं की थी, बल्कि इसकी कहानी भी लिखी थी। इसके अलावा उन्होंने दूरदर्शन का पॉपुलर शो ‘इंद्रधनुष’ भी लिखा था।

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असली स्ट्रगल, 130 रुपये लेकर मुंबई पहुंचे

लिलिपुट के जिंदगी में स्ट्रगल तब शुरू हुआ जब उन्होंने एक्टर बनने का सपना लेकर बिहार से मुंबई आने का फैसला किया था। तब उनकी जेब में इतने पैसे भी नहीं थे कि बस या ट्रेन का टिकट तक ले सकें। तब लिलिपुट के एक दोस्त ने उनकी मदद की थी। वह दोस्त से 130 रुपये लेकर मुंबई आए और यहां काम की तलाश में दर-दर की खाक छाननी शुरू कर दी। बहुत से दिन दर-दर की ठोकरें खाते और बिना खाए बीते। कई रातें ऐसी निकलीं जब लिलिपुट को एक निवाला तक नसीब नहीं हुआ।


15 दिन लगातार रहे भूखे, कभी गड्डा खोदा, कभी पोस्टर चिपकाए

लिलिपुट ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह 15 दिन लगातार भूखे रहे थे। जब कहीं कुछ काम नहीं मिला तो गुजारे के लिए उन्होंने फिल्मों के पोस्टर चिपकाने और गड्डे खोदने का काम किया। कभी वह होर्डिंग लगाते तो कभी लकड़ियां काटकर बेचते ताकि गुजारे भर के पैसे मिल जाए। इस तरह शुरुआत में मुंबई में सर्वाइव करने के लिए लिलिपुट ने हर छोटा-मोटा काम किया। जिस काम को करने में आप और हम शायद शर्म महसूस करेंगे, लेकिन लिलीपुट ने उसी काम को लगन से किया और आज उसी लगन का नतीजा है कि दुनिया लिलिपुट को जानती है। आज वह बॉलीवुड के जाने-माने एक्टर और राइटर हैं। वह साउथ में भी काम कर चुके हैं।