लिलिपुट का असली नाम एमएम फारुकी है। उन्होंने लिलिपुट नाम जोनाथन स्विफ्ट की नॉवल ‘गुलिवर ट्रैवल्स’ से इंस्पायर होकर रखा था। बिहार के गया के रहने वाले लिलिपुट ने शुरुआत से ही सिनेमा में करियर बनाने का सपना देखा था। फिल्मी दुनिया में उनकी शुरुआत 1985 में हुई। उस साल लिलिपुट ने एक साथ फिल्म और टीवी की दुनिया में कदम रखे थे। एक तरफ वह फिल्म ‘सागर’ में नजर आए तो दूसरी तरफ ‘इधर-उधर’ टीवी शो से छोटे पर्दे की दुनिया में डेब्यू किया था।
लिलीपुट ने फिर ‘हुकूमत’, ‘वो फिर आएगी’, ‘आंटी नंबर 1’, ‘शरारत’, ‘बंटी और बबली’, ‘कामयाब’ और ‘बीस्ट’ जैसी फिल्में कीं। टीवी की दुनिया में लिलिपुट ने खूब नाम कमाया। वह ‘देख भाई देख’ में अलग-अलग किरदारों में दिखे। इसके अलावा उन्होंने ‘विक्रम और बेताल’, ‘शौर्य और सुहानी’, ‘अदालत’, ‘रजिया सुल्तान’ और ‘जबान संभाल के’ जैसे टीवी सीरियल किए।
आपको जानकर हैरानी होगी कि लिलिपुट ने ‘विक्रम और बेताल’ में सिर्फ एक्टिंग ही नहीं की थी, बल्कि इसकी कहानी भी लिखी थी। इसके अलावा उन्होंने दूरदर्शन का पॉपुलर शो ‘इंद्रधनुष’ भी लिखा था।
लिलिपुट के जिंदगी में स्ट्रगल तब शुरू हुआ जब उन्होंने एक्टर बनने का सपना लेकर बिहार से मुंबई आने का फैसला किया था। तब उनकी जेब में इतने पैसे भी नहीं थे कि बस या ट्रेन का टिकट तक ले सकें। तब लिलिपुट के एक दोस्त ने उनकी मदद की थी। वह दोस्त से 130 रुपये लेकर मुंबई आए और यहां काम की तलाश में दर-दर की खाक छाननी शुरू कर दी। बहुत से दिन दर-दर की ठोकरें खाते और बिना खाए बीते। कई रातें ऐसी निकलीं जब लिलिपुट को एक निवाला तक नसीब नहीं हुआ।
2022-12-24