Vestibular Hypofunction के शिकार हो गए थे एक्टर Varun Dhawan, खड़े रह पाना भी था दूभर; जाने इसके 5 गंभीर लक्षण

What is vestibular Hypofunction: एक्टर वरुण धवन (Varun Dhawan) ने हाल ही में बेड़िया (Bhediya) के प्रमोशन इवेंट में अपने हेल्थ कंडीशन के बारे में बताया। लॉकडाउन के बाद वरूण वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन नाम की बीमारी से ग्रसित हो गए थें। वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन एक गंभीर बीमारी हैं जिसके लक्षण लोगों में अलग-अलग हो सकते हैं।

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Vestibular Hypofunction के शिकार हो गए थे एक्टर Varun Dhawan, खड़े रह पाना भी था दूभर; जाने इसके 5 गंभीर लक्षण

बॉलीवुड के जाने माने डायरेक्टर डेविड धवन (David Dhawan) के बेटे और बदलापुर (Badlapur), अक्टूबर (October) जैसी मूवी से इंडस्ट्री में अपनी नयी पहचान बनाने वाले एक्टर वरुण धवन (Varun Dhawan) आजकल भेड़िया (Bhediya Movie Promotion) के प्रमोशन में लगे हुए हैं। इस दौरान उन्होंने खुलासा किया कि वह

वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन (Vestibular Hypofunction) बीमारी से पीड़ित थें।

एक मीडिया कॉन्क्लेव में बात करते हुए वरुण धवन ने यह भी कहा कि महामारी के बाद से मैं खुद को बहुत पुश कर रहा था। जो इस बीमारी की वजह बनी। इसके वजह से बॉडी का बैलेंस बिगड़ने लगा था। हालांकि, अब वरुण धवन बिल्कुल ठीक हैं। लेकिन लोग इस बीमारी को इंटरनेट पर खूब सर्च कर रहें हैं। तो आप भी जान लें वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन के लक्षण समेत इसके कारण और बचाव उपाय को।

​क्या है Vestibular Hypofunction

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हॉपकिन्स मेडिसिन के अनुसार, वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन एक विकार है जो तब होता है जब आपके बैलेंस सिस्टम का आंतरिक कान का हिस्सा ठीक से काम करना बंद कर देता है। वेस्टिबुलर सिस्टम आपके आंतरिक कान मौजूद होता है जो आंखों और मांसपेशियों के साथ मिलकर इन्हें संतुलित रखने के लिए काम करता है। पर जब यह ठीक से काम नहीं करता है, तो मस्तिष्क को गलत संदेश भेजने लगता है जैसी व्यक्ति को कई तरह की परेशानियां होने लगती है।

​वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन के लक्षण

NHS के अनुसार, वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन के लक्षण इसके होने कारणों पर निर्भर करते हैं, लेकिन ज्यादातर लोगों को चक्कर आना, मतली, खराब संतुलन का अनुभव होता है। इसके अलावा भीड़भाड़ वाले जगहों या अंधेरे कमरे में चलने में भी कठिनाई हो सकती है। साथ ही आसपास की चीजों के तेजी से चलने का भी अहसास होता है जिससे असहजता हो सकती है।

​वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन से होती है ये परेशानी

वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन होने पर लगातार चक्कर आना, चलने और ड्राइविंग में दिक्कतें होने लगती है। इसके अलावा गिरने, अंधेरे में या असमान सतहों पर चलने में कठिनाई होती है। साथ ही सीखने और रास्ता खोजने में भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

​क्यों होता है वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन डिसऑर्डर

वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन डिसऑर्डर दवाइयों, इंफेक्शन, कान में खराब सर्कुलेशन का नतीजा हो सकता है। इसके अलावा आपकी सेमीस्कुलर कनाल में कैल्शियम का मलबा जमा होने और सिर में चोट लगने के कारण भी यह समस्या हो सकती हैं।

​कैसे किया जाता है वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन का निदान

कान, नाक और गले के विशेषज्ञ कुछ टेस्ट की मदद से इसका निदान कर सकती है। इसमें हियरिंग टेस्ट, विजन टेस्ट, ब्लड टेस्ट, दिमाग का इमेजिंग टेस्ट, बैलेंस का क्लिनिकल टेस्ट आदि शामिल है।