अगली साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने कमर कस ली है। आज संसद में राहुल गांधी का 2024 लोकसभा चुनाव वाला ट्रेलर देखने को मिला। राहुल गांधी समेत पूरी कांग्रेस जिस तरह अडानी मुद्दे पर सरकार को घेर रही है उसे देखकर यही लग रहा है कि ये पार्टी का चुनावी एजेंडा होने वाला है।
नई दिल्ली: आज संसद में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक रूप देखने को मिला। राहुल गांधी के बजट सत्र के दौरान दिए गए भाषण में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव का ट्रेलर देखा जा सकता है। लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी लगातार बीजेपी सरकार को लेकर हमलावर हैं। हाल ही में उन्होंने करीब साढ़े तीन हजार किलोमीटर की भारत जोड़ो यात्रा पूरी की। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ तीखे हमले किए।
राहुल का बदलता रूप कांग्रेस का प्लान
राहुल गांधी के बदलते रूप को लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के प्लान के तौर पर देखा जा रहा है। आज सदन में दिए गए अपने भाषण में उन्होंने अडानी मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार अडानी ग्रुप का पक्ष ले रही है। पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पहले वे अडानी के विमान में यात्रा करते थे और अब अडानी मोदी जी के साथ उनके विमान में यात्रा करते हैं। पहले मामला गुजरात तक सीमित था और अब वह अंतरराष्ट्रीय हो गया है।
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी बीजेपी पर हमलावर दिखे राहुल
अडानी को लेकर जिस तरह राहुल गांधी समेत पूरी कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार पर हमलावर है, उसे देखकर लगता है कि 2024 के आम चुनावों में विपक्ष अडानी मामले को एक बड़े मुद्दे के रूप में जनता के सामने रखेंगे। राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी अडानी और अंबानी को लेकर मोदी सरकार पर आरोप लगाते दिखे थे। कांग्रेस हमेशा से मोदी सरकार पर देश के बड़े कारोबारियों को फायदे पहुंचाने के आरोप लगाती आई है, लेकिन जब से अडानी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई है, तब से कांग्रेस और राहुल गांधी इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं।
अडानी को दिए गए लोन को लेकर सरकार को घेरा
आज संसद में राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा कि अडानी ने पिछले 20 सालों में बीजेपी को कितना पैसा दिया। राहुल ने आरोप लगाया कि 2022 में श्रीलंका बिजली बोर्ड के अध्यक्ष ने श्रीलंकाई संसदीय समिति को सूचित किया कि उन्हें राष्ट्रपति राजपक्षे द्वारा बताया गया था कि उन पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अडानी को पवन ऊर्जा परियोजना देने के लिए दबाव डाला गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम मोदीऑस्ट्रेलिया गए और एसबीआई ने जादुई तरीके से अडानी को 1 अरब डॉलर का लोन दिया। प्रधानमंत्री बांग्लादेश जाते हैं और फिर देश का बिजली विकास बोर्ड अडानी के साथ 25 साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर करता है। राहुल ने आगे कहा कि यह भारत की विदेश नीति नहीं है। यह अडानी के कारोबार के लिए नीति है।
‘अर्थव्यवस्था का डबल-ए वैरिएंट… ‘
बजट आने के दूसरे दिन ही लोकसभा में राहुल गांधी ने अडानी और अंबानी को आड़े हाथ लिया था। राहुल ने इन्हें ‘डबल-ए’ वैरिएंट करार दिया था। राहुल ने कहा, ‘कोरोना के समय कई वैरिएंट आते हैं, लेकिन ‘डबल ए’ वैरिएंट है जो देश की अर्थव्यवस्था में बढ़ रहा है।’ राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि मोदी सरकार में दो हिंदुस्तान बन गए हैं। इनमें से एक अमीरों और दूसरा गरीबों के लिए है। इनमें खाई बढ़ती जा रही है।’
संसद से सड़क तक कांग्रेस का हंगामा
राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य नेताओं के हाल ही में दिए गए बयानों को देखकर यही लगता है कि पार्टी ने 2024 के लिए कमर कस ली है। अभी केंद्र सरकार को घेरने का सबसे बढ़िया मुद्दा अडानी है। इसी को लेकर संसद से लेकर सड़क तक विपक्ष का हंगामा देखने को मिल रहा है। हालांकि बीजेपी लगातार कांग्रेस के इन आरोपों का निराधार बता रही है।