मुसीबत में घिरे अडानी ग्रुप के लिए राजीव जैन तारणहार बनकर आए। उनकी कंपनी जीक्यूजी पार्टनर्स ने अडानी ग्रुप की चार कंपनियों में 15,000 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर खरीदे। इसका उन्हे जबरदस्त फायदा हुआ है। केवल दो दिन में ही उनके इनवेस्टमेंट की कीमत 3,100 करोड़ रुपये बढ़ गई।
24 जनवरी को अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म Hindenburg Research ने अडानी ग्रुप के बारे में एक निगेटिव रिपोर्ट जारी की थी। इससे करीब एक महीने तक ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट रही। गुरुवार को जीक्यूजी पार्टनर्स ने अडानी ग्रुप की चार कंपनियों के शेयर खरीदे। इनमें ग्रुप की अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises), अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकॉनमिक जोन (Adani Ports and Special Economic Zone), अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) और अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) में शेयरों की खरीदारी की। जीक्यूजी पार्टनर्स का कहना है कि लॉन्ग टर्म में इन कंपनियों में ग्रोथ की अपार संभावनाएं हैं।
कितने का हुआ फायदा
जैन ने अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर 1410.86 रुपये के भाव पर खरीदा था। दो दिन में इस शेयर की कीमत में 33 फीसदी तेजी आ चुकी है। इस स्टॉक में जैन को 1,813 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है। जीक्यूजी पार्टनर्स ने अडानी पोर्ट्स का शेयर 596.2 रुपये, अडानी ग्रीन एनर्जी का शेयर 504.6 रुपये और अडानी ट्रांसमिशन का शेयर 668.4 रुपये के भाव पर खरीदा था। शुक्रवार को ये शेयर 684.35 रुपये, 562.00 रुपये और 743.75 रुपये के भाव पर बंद हुए। हालांकि ऑस्ट्रेलिया में लिस्टेड GQG Partners के शेयर शुक्रवार को तीन फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए।
GQG Partners की स्थापना जून 2016 में राजीव जैन ने की थी। वह इस कंपनी के चेयरमैन और सीआईओ भी हैं। जीक्यूजी पार्टनर्स दुनिया की प्रमुख ग्लोबल एंड एमर्जिंग मार्केट्स इनवेस्टर्स फर्म है। 31 जनवरी, 2023 के आंकड़ों के मुताबिक यह कंपनी 92 अरब डॉलर से ज्यादा क्लाएंट एसेट्स मैनेज करती है। कंपनी का मुख्यालय अमेरिका के फ्लोरिडा में है। इसके दफ्तर न्यूयॉर्क, लंदन, सिएटल और सिडनी में हैं। यह कंपनी ऑस्ट्रेलिया के सिक्योरिटीज एक्सचेंज में लिस्टेड है। इसकी अधिकांश हिस्सेदारी इसके ही कर्मचारियों के पास है। यह 2021 में ऑस्ट्रेलिया में सबसे बड़ा आईपीओ लाई थी। कंपनी ने इसके जरिए 1.187 अरब डॉलर जुटाए थे और इसकी लिस्टिंग 5.91 अरब डॉलर के मार्केट कैप के साथ हुई थी।