अडानी सीमेंट अपने कर्मचारियों के हितों को लेकर पूरी तरह गंभीर है और इसी दिशा में कदम उठाते हुए हिमाचल प्रदेश में दाड़लाघाट और गगल संयंत्र के कई कर्मचारियों को उनकी भलाई के लिए अन्य स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है।
अडानी सीमेंट में कर्मचारियों का एक खास दर्जा है और उन्हें अपना गौरव माना जाता है। यही कारण है कि हिमाचल प्रदेश में दो संयंत्रों के बंद होने से पड़ने वाले प्रभाव के बीच कंपनी ने उनकी भलाई के लिए अनेक कदम उठाए। अडानी सीमेंट ने दाड़लाघाट और गगल के कई कर्मचारियों की बेहतरी को सुनिश्चित करने के लिए उनके तबादले की पहल शुरू की है। दरअसल संयंत्रों के संचालन के बंद होने के दौरान, दाड़लाघाट और गगल इकाइयों के कर्मचारियों की नौकरियों की सुरक्षा के लिए अपने ऑपरेटिंग कर्मचारियों को स्थानांतरित करना अनिवार्य हो गया है।
दाड़लाघाट के 85 से अधिक कर्मचारियों और गगल इकाई के 58 कर्मचारियों को उत्तरी क्षेत्र में अडानी सीमेंट के नजदीकी संयंत्रों में स्थानांतरित किया जा रहा है। इन कर्मचारियों का नियोजित स्थानांतरण करने से कंपनी के तीन ग्राइंडिंग प्लांट्स (रोपड़, बठिंडा और नालागढ़) और तीन इंटीग्रेटेड प्लांट्स (मारवाड़ मूंडवा, राबरियावास और लाखेरी) पर असर पड़ेगा। उत्पादन, रखरखाव और गुणवत्ता जैसे परिचालन क्षेत्रों के लोगों को विभिन्न स्थानों पर पुनर्नियुक्त किया जा रहा है।
अडानी सीमेंट की दाड़लाघाट और गगल इकाइयों में मुख्य रूप से सीमेंट/ क्लिंकर की बढ़ती परिचालन लागत के कारण मजबूरी वाली परिस्थितियों में कामकाज को स्थगित करना पड़ा। इसके अलावा, कच्चे माल और तैयार उत्पादों की उच्च परिवहन लागत के कारण भी संचालन को स्थगित किया गया।
अदानी सीमेंट इन मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए परिवहन संघों सहित सभी हितधारकों से सहयोग की अपेक्षा करता है।