Adani LIC News: अमेरिकी रिसर्च फर्म की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी ग्रुप को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। गौतम अडानी दुनिया के अमीरों की लिस्ट में टॉप 20 से भी बाहर हो गए हैं। वहीं अब अडानी समूह में एलआईसी के निवेश को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
नई दिल्ली: दिग्गज उद्योगपति गौतम अडानी के लिए साल 2023 अभी तक अच्छा साबित नहीं हुआ है। 24 जनवरी 2023 को अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप (Adani Group) पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि अडानी ग्रुप के शेयरों के दाम ओवर प्राइस हैं। अडानी समूह ने अपने खाते में हेराफेरी की है। रिसर्च फर्म ने 88 सवाल पूछे थे। इस रिपोर्ट के बाद से अडानी ग्रुप के ज्यादातर शेयरों में लोअर सर्किट लग गया था। अडानी ग्रुप के शेयरों में काफी गिरावट आई है। गौतम अडानी की नेटवर्थ पर भी काफी असर पड़ा है। इस रिपोर्ट के आने के बाद गौतम अडानी को काफी नुकसान हुआ। वह दुनिया के अमीरों की सूची में टॉप 20 से भी बाहर हो गए हैं। अब इस मामले में कंपनी में निवेश करने वाली कंपनियों की मुश्किलें भी शुरू हो गई हैं। LIC यानी जीवन बीमा निगम देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी ने भी अडानी समूह में बड़ा निवेश किया है। अडानी समूह में एलआईसी के निवेश को लेकर सवाल उठ रहे हैं। एलआईसी का अडानी ग्रुप की सात कंपनियों में निवेश है। इसमें से सबसे ज्यादा निवेश अडानी टोटल गैस, अडानी पोर्ट्स और अडानी एंटरप्राइजेज में है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई पर दिसंबर तिमाही के आंकड़ों के मुताबिक़ अडानी इंटरप्राइज़ेज़ में एलआईसी की हिस्सेदारी 4.23 फ़ीसदी, अडानी पोर्ट्स में 9.14 फ़ीसदी, अदानी ट्रांसमिशन में 3.65 फ़ीसदी, अदानी ग्रीन एनर्जी में 1.28 फ़ीसदी, अदानी टोटल गैस में 5.96 फ़ीसदी और अदानी विल्मर में 0.04 फ़ीसदी थी।
एलआईसी के निवेश पर उठ रहे सवाल
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से दो कारोबारी सत्रों में अडानी समूह काफी नुकसान उठाना पड़ा है। अडानी ग्रुप में निवेश करने वाले निवेशकों के नाम भी इन दिनों चर्चा में बने हुए हैं। इसमें सोशल मीडिया पर मुख्य रूप से चर्चा एलआईसी की हो रही है। एलआईसी के निवेश पर सवाल उठ रहे हैं। लोग चर्चा कर रहे हैं कि अडानी की कंपनियों में एलआईसी ने इतना भारी निवेश किस रणनीति के कारण किया है, जबकि बाकी बीमा कंपनियां अडानी समूह में निवेश करने से बचती रही हैं। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, एलआईसी को छोड़कर दूसरी बीमा कंपनियों ने अडानी समूह की कंपनियों में निवेश को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। बीमा कंपनियों के अडानी समूह में कुल निवेश का 98 फ़ीसदी से ज्यादा हिस्सा सरकारी नियंत्रण वाली एलआईसी का ही है।
एलआईसी ने किया हुआ है इतना निवेश
एलआईसी ने अडानी के बॉन्ड और इक्विटी में 36474.78 करोड़ रुपये निवेश किया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले इस निवेश की वैल्यू 77000 करोड़ थी। अडानी के शेयरों में आ रही गिरावट का असर एलआईसी की कमाई पर जरूर हुआ है, लेकिन ये नुकसान इतना बड़ा भी नहीं कि LIC डूब जाए। अगर शेयरों के दाम में उतार-चढ़ाव से कंपनियां डूबने लगे तो रोज यहां हजारों कंपनियां डूबने लगेगी। एलआईसी ने भी स्पष्ट किया है कि अडानी मामले में उन्हें फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है। LIC के पास कुल 41.66 लाख करोड़ से अधिक की संपत्ति है। यानी अडानी समूह में निवेश उनका निवेश 1 फीसदी से भी कम है। आपको बता दें कि भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी ने अडानी समूह के अलावा भी कई कंपनियों में निवेश किया हुआ है। एलआईसी ने बाजार की 36 कंपनियों में 10 लाख करोड़ के अधिक का निवेश किया है। अगर अडानी में उसके निवेश की तुलना करें तो ये 1 फीसदी से भी कम है।
एलआईसी में 28 करोड़ से ज्यादा पॉलिसीधारक
भारतीय जीवन बीमा निगम के 28 करोड़ से ज्यादा पॉलिसीधारक हैं। इन पॉलिसीधारकों से मिली रकम को एलआईसी शेयरों, सरकारी बॉन्ड्स सहित कई कंपनियों में निवेश करती है। एलआईसी इसी निवेश से मिली रकम को अपने पॉलिसीधारकों को वापस देती है। बता दें कि एलआईसी के पॉलिसीधारकों में एक बड़ा हिस्सा सैलरी पाने वाले कर्मचारियों और मध्यम वर्ग का है।