बंगाल का Adbhut Totowala जो सवारियों से पूछता है GK के सवाल, सही जवाब देने पर भाड़ा नहीं लेता

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सोशल मीडिया की सबसे बड़ी शक्ति है, गली-नुक्कड़ की छोटी-छोटी कहानियों को हम सभी के सामने रखना. चाहे वो किसी MA English चायवाली की कहानी हो या अंग्रेज़ी में बात करते भिखारी की. ये कहानियां न सिर्फ़ हमारा दिन बना देती हैं, बल्कि ज़िन्दगी में कभी भी हार न मानने की प्रेरणा भी देती हैं.

सोशल मीडिया पर एक ई-रिक्शाचालक की कहानी सामने आई. दरअसल, Sankalan Sarkar नामक फ़ेसबुक यूज़र ने एक अद्भुत टोटोवाला (Adbhut Totowala) की कहानी फ़ेसबुक पर शेयर की. लिलुआ, पश्चिम बंगाल (Liluah, West Bengal) के संकलन ने लिखा कि वह एक बेहद दिलचस्प ई-रिक्शाचालक से मिले. सफ़र के दौरान संकलन से ई-रिक्शाचालक ने कहा, “अगर आपने मेरे 15 GK सवालों के सही जवाब दिए तो मैं आपसे पैस नहीं लूंगा.”

संकलन ने लिखा कि कहा कि वो पैस देंगे लेकिन उन्हें सवाल सुनने हैं. ई-रिक्शाचालक का पहला सवाल था, “जन गण मन किसने लिखा?”

liluah west bengal adbhut totowala asks GK questionsEngineering For Change

सवाल सुनकर संकलन को लगा कि ये आदमी कुछ गड़बड़ है. ई-रिक्शाचालक का अगला सवाल था, “पश्चिम बंगाल के पहले मुख्यमंत्री कौन थे?”. संकलन ने जवाब दिया- बी.सी.रॉय, लेकिन ये ग़लत जवाब था.

संकलन ने आगे लिखा कि ई-रिक्शाचालक ने श्रीदेवी की जन्मतिथि से लेकर पहले टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम तक, कई टॉपिक्स से सवाल किए. संकलन ने भी उससे एक-दो सवाल किए और ई-रिक्शाचालक ने सबके सही जवाब दिए.

ई-रिक्शाचालक ने संकलन को बताया कि पैसों की कमी की वजह से उसे 6ठे दर्जे के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी, लेकिन वो रोज़ रात 2 बजे तक जागकर पढ़ाई करता है और वो लिलुआ बुक फ़ेयर फ़ाउंडेशन का सदस्य भी है.

liluah west bengal adbhut totowala asks GK questionsGood News Today/Representational Image

जब संकलन अपनी मंज़िल पर पहुंचने वाले थे तब ई-रिक्शाचालक ने संकलन को ई-रिक्शा के विंडशिल्ड पर लगी टीपू सुल्तान की तस्वीर दिखाई और कहा कि आज टीपू सुल्तान की जन्म तिथि है. संकलन ने आगे लिखा कि इस ई-रिक्शाचालक के ई-रिक्शा पर स्टिफ़न हॉकिंग, अल्बर्ट आइंसटाइन, मनोहर आइच, कल्पना चावला आदी की भी तस्वीरें लगी हैं. आख़िर में ई-रिक्शाचालक ने कहा, “आप मुझे गूगल पर Adbhut Totowala नाम से खोज सकते हैं.”

ई-रिक्शाचालक इतना सजग था कि उसने संकलन को ये भी बताया कि वो हिन्दू है लेकिन कभी-कभी मुस्लिम टोपी भी पहनता है.

यहां पढ़िए संकलन का पूरा पोस्ट-

ई-रिक्शाचालक की ये कहानी न सिर्फ़ हम सभी को पढ़नी चाहिए, बल्कि प्रेरित भी होना चाहिए. सीखने की कोई उम्र नहीं होती और न ही किताबें पढ़ने के लिए वक़्त की कमी है. ज़रूरत है तो बस एक हाथ बढ़ाकर एक किताब उठाने की.