Adipurush: मनोज मुन्ताशिर ने किया ‘आदिपुरुष’ के ‘रावण’ का बचाव, कहा- वो खिलजी जैसा है भी तो कोई बुराई नहीं

फिल्म ‘आदिपुरुष’ को लेकर लोगों का कहना है कि इस फिल्म में ‘रामायण’ के किरदारों का इस्लामीकरण किया गया है। फिल्म के डायलॉग लेखर मनोज मुन्ताशिर ने फिल्म में नजर आ रहे रावण को लेकर जो बातें कही हैं वो आपको एक बार फिर से सोचने पर मजबूर कर सकता है।

Manoj Muntashir Reacts On Ravana character in Adipurush
मनोज मुन्ताशिर ने रावण के लुक पर कहा

प्रभास और सैफ अली खान स्टारर फिल्म ‘आदिपुरुष’ का टीजर हाल ही में 2 अक्टूबर को रिलीज किया गया। लोगों को इस फिल्म की पहली झलक का बेसब्री से इंतजार था जिसके बारे में बताया गया था कि फिल्म ‘रामायण’ की कहानी से प्रेरित है। टीजर रिलीज हुआ लेकिन उसे देखकर फैन्स काफी मायूस हो गए। दरअसल लोगों में प्रभास वाले राम के किरदार से कहीं अधिक सैफ अली खान के रावण के किरदार की जमकर चर्चा होने लगी। इस फिल्म में जिस तरह से रावण से लेकर हनुमान तक के किरदार को मॉर्डर्न अंदाज में पेश किया गया, उसे लेकर दर्शकों में जबरदस्त नाराजगी हुई। आम पब्लिक से लेकर इंडस्ट्री के कलाकारों ने फिल्म के इन किरदारों और उनके लुक का खुलकर विरोध किया। अब इस फिल्म को बनाने वाले डायरेक्टर ओम राउत और इसके डायलॉग लिखने वाले मशहूर गीतकार मनोज मुन्ताशिर ने अपने इंटरव्यू में फिल्म को लेकर काफी कुछ कहा है, जो कम से कम एक बार आपको फिर से फिल्म के टीजर का रिव्यू करने पर मजबूर कर देगा।

मनोज मुन्ताशिर ने ट्विटर पर एक इंटरव्यू क्लिप शेयर किया
सोशल मीडिया पर Adipurush को लेकर लोग कहते नजर आ रहे हैं कि फिल्म में ‘रामायण’ के किरदार का इस्लामीकरण हो गया है। धीरे-धीरे फिल्म को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है और कई शहरों में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो चुका है। इतना ही नहीं फिल्म में ‘रामायण’ के किरदारों से छेड़छाड़ करने की वजह से फिल्म में नजर आ रहे कलाकारों के पुतले भी जलाए जा रहे हैं। अब इस फिल्म में डायलॉग लिखने वाले गीतकार Manoj Muntashir ने ट्विटर पर एक इंटरव्यू क्लिप शेयर किया है, जिसमें वह रावण की खिलजी से तुलना पर अपना विचार रखते नजर आ रहे हैं।

‘कौन सा खिलजी तिलक धारण करता है, कौन सा खिलजी जनेऊ पहनता है, हमारे रावण ने किया है’
उन्होंने कहा, ‘हमने जो 1 मिनट 35 सेकंड का टीजर देखा है, उसमें Ravana ने त्रिपुंडी लगाया हुआ है। जो देखा है उतने की बात कर रहा हूं, बाकी तो बहुत कुछ मेरे पास दिखाने को है, जो लोगों ने देखा नहीं है। बड़ी ही विनम्रता से कह रहा हूं कि जब फिल्म आएगी तो वो सब देखेंगे। कौन सा खिलजी त्रिपुंडी लगाता है। कौन सा खिलजी तिलक धारण करता है। कौन सा खिलजी जनेऊ पहनता है और कौन सा खिलजी रुद्राक्ष धारण करता है। हमारे रावण ने ये इसी 1 मिनट 35 सेकंड के टीजर में किया हुआ है। दूसरी बात कि हर युग की बुराई का अपना चेहरा होता है। रावण मेरे लिए बुराई का चेहरा है, अलाउद्दीन खिलजी इस दौर के बुराई का चेहरा है और अगर वो मिलता-जुलता भी है, हमने उनके इंटेंशनली ऐसा नहीं किया है, लेकिन अगर मिल भी गया तो मुझे लगता नहीं कि इसमें कोई ऐतराज की बात है। अलाउद्दीन खिलजी तो कोई नायक ही नहीं है, वो बुरा है और अगर रावण का चेहरा उससे मिलता है और उससे इसलिए ज्यादा नफरत करता है क्योंकि वो खिलजी जैसा दिखता है तो कोई बुराई नहीं है इसमें।’


मनोज ने सुनाई सीता हरण की नई कहानी

मनोज मुन्ताशिर ने कहा है, ‘आदिपुरुष’ के बचाव में काफी कुछ कहा है। मनोज ने आज तक से हुई बातचीत में कहा है, ‘सिर्फ 1 मिनट 35 सेकंड का टीजर दुनिया के सामने आया और मैं ये मानता हूं कि भगवान श्रीराम को लेकर लोगों की भावनाएं थोड़ी सी उग्र हैं और वह होनी भी चाहिए। हम ऐसे देश में हैं जहां राम का नाम लेते ही सिर श्रद्धा से झुक जाता है और झुकना चाहिए। और अगर आपक लगता है कि राम के साथ कुछ सही नहीं हुआ तो आप आवाज उठाते हैं, हम इसका स्वागत करते हैं। हम अपनी तरफ से इतना ही कहना चाहते हैं कि लोग कौन जुड़े हैं इस फिल्म से ओम राउत। लोग कहते हैं कि इन्होंने फिल्म तानाजी बनाई, मैं इसे साइड रखता हूं। मेरे लिए ओम राउत वो हैं जो फिल्म का एक सीन है जिसमें जहां मां सीता का हरण हो रहा है और रावण साधु के वेश में आकर मां सीता का हरण कर रहा है, हमने ये रामलीला में देखा है, हमने ये आदरणीय रामानंद सागर के रामायण में देखा है।’

‘ओम राउत कुर्सी से खड़े होकर कहते हैं, सर वो मेरी मां हैं’
उन्होंने कहा, ‘ओम राउत ने जिस तरह से दिखाया है, मैंने देखा कि रावण मां सीता का हरण कर रहा है लेकिन एक क्षण के लिए भी उन्हें स्पर्श नहीं करता। वह माया से हरण करता है। मैंने पूछा ओम से कि ये तो मैंने कभी सोचा ही नहीं क्योंकि हमने पहले जब भी देखा है उसमें रावण हाथ पकड़कर उन्हें खींचकर ले जाते देखा है। ओम राउत कुर्सी से खड़े होकर कहते हैं, सर वो मेरी मां हैं और उन्हें कोई भी छू नहीं सकता। ये अप्रोच है एक मेकर का इस फिल्म के लिए।’

अपने जूते बाहर खोलकर लिखा करते थे डायलॉग

मनोज ने यह भी बताया कि यह उनकी 70वीं फिल्म है जिसके लिए उन्होंने डायलॉग लिखे हैं और पहली बार ऐसा हुआ है कि जिस दफ्तर में वह अपने डायलॉग लिख रहे थे, अपने जूते बाहर खोलकर आया करते थे।’

‘हमारा उद्देश्य वो समझ लेंगे वो सबसे पहले आकर हमारी फिल्म का समर्थन करेंगे’
मनोज मुन्ताशिर ने इस इंटरव्यू में इस सवाल का भी जवाब दिया जिसमें उनसे पूछा गया कि हमने जिस मां सीता, भगवान राम और रावण के किरदार को बचपन से फिल्मों और कैलेंडर में एक जैसा देखा है, क्या लोग फिल्म में उनके इस बदले हुए किरदार को देखना पसंद करेंगे? इसपर उन्होंने कहा, ‘ये जो हिन्दू वर्ग है वो इस भावना के साथ जीया है- अयं निजः परो वेति गणना लघु चेतसाम् | उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् (यानी यह मेरा है ,यह उसका है ; ऐसी सोच संकुचित विचार वाले व्यक्तियों की होती है, जबकि इसके विपरीत उदार मन वाले लोगों के लिए तो यह सम्पूर्ण धरती ही एक परिवार जैसी होती है।) मुझे हिन्दू जनमानस पर विश्वास है, मैं जानता हूं अच्छी तरह से कि जिस दिन उनको हमारी नियत, हमारा उद्देश्य वो समझ लेंगे वो सबसे पहले आकर हमारी फिल्म का समर्थन करेंगे क्योंकि वो जानते हैं कि ये फिल्म एक मौका है, एक अवसर है भगवान श्रीराम की कहानी नई पीढ़ी, नई जेनरेशन तक पहुंचाने का।’