Aditya Seal Interview: ‘मैं अपनी जान नहीं लूंगा…’- खुद की फिल्में फ्लॉप होने पर एक्टर आदित्य सील का दो टूक

बॉलीवुड एक्टर आदित्य सील को आपने ‘स्टूडेंट ऑफ द इयर 2’ और ‘इंदू की जवानी’ में देखा है। सभी में इनका अभिनय कमाल का है। लेकिन अफसोस फिल्में कुछ खास कमाल नहीं कर पाईं। अब इन्होंने एक इंटरव्यू में फिल्मों के न चलने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। साथ ही पत्नी अनुष्का रंजन के साथ के भी कई किस्से सुनाए हैं।

आदित्य सील
आदित्य सील से खास बातचीत।

फिल्म ‘स्टूडेंट ऑफ द इयर 2’ हो या ‘इंदू की जवानी’, एक्टर आदित्य सील हमेशा अपनी ऐक्टिंग के लिए सराहे गए हैं। हालांकि, ये फिल्में उतनी कामयाब नहीं हुईं तो आदित्य को वो मुकाम भी नहीं मिल पाया, जिसके वे हकदार थे। अब आदित्य जल्द ही बॉस्को मार्टिस डायरेक्टेड डांस हॉरर कॉमिडी फिल्म ‘रॉकेट गैंग’ में नजर आने वाले हैं। इसी सिलसिले में आदित्य ने हमसे इस फिल्म, अपने करियर के साथ-साथ अनुष्का रंजन संग फेयरी टेल वाली शादी को लेकर भी खास बातचीत की।

आपकी पहली फिल्म एक छोटी सी ‘लव स्टोरी’ से देखें, तो ऐक्टिंग में आपको 20 साल हो गए। अपने अब तक के करियर को आप किस तरह देखते हैं?

मेरे करियर में बहुत ज्यादा उतार चढ़ाव रहे हैं। उसमें बस एक ही चीज फिक्स रही है, जितने भी फैसले रहे हैं, वो मैंने लिए हैं, तो अगर कोई फिल्म चलती है तो उसका श्रेय मैं लेता हूं और अगर फिल्म नहीं चलती, तो भी मुझे यह अफसोस नहीं रहता कि मुझे किसी और ने बोला ये फिल्म करने के लिए और वो फिल्म नहीं चली। ये सारे फैसले मेरे थे और इस बात का मुझे गर्व है। फिल्म का चलना या ना चलना वैसे भी हमारे हाथ में है नहीं, वो तो जनता ही तय करती है लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ कि मेरे बारे में खराब रिव्यू आए हों कि मेरी ऐक्टिंग खराब थी। सबने मेरे बारे में अच्छा ही लिखा है, तो मैं उस चीज से प्रेरित होता हूं कि यह फिल्म नहीं चली, तो अगली चलेगी। अगली नहीं तो उसके बाद वाली चलेगी, पर ये है कि मेरा काम अच्छा होता रहे बस। मैं उस चीज पर फोकस रखता हूं।


लेकिन कहीं ऐसा लगता है कि अगर वे फिल्में चल गई होतीं, तो आप अलग ही मुकाम पर होते, क्योंकि जैसा आपने कहा, आपकी ऐक्टिंग की हमेशा तारीफ हुई है? एक ऐक्टर के लिए बॉक्स ऑफिस कितना मायने रखता है?

देखिए, बॉक्स ऑफिस हर ऐक्टर के लिए मायने तो रखता ही है, लेकिन मैं उसके बारे में सोचकर मैं अपनी जान नहीं लूंगा या मैं अपनी नींद हराम नहीं करता, क्योंकि मुझे ये पता है कि जब तक मैं अपना काम सही तरीके से कर रहा हूं, मुझे आगे भी काम मिलेगा और मैं अपना काम अच्छा करता हूं। जैसे मैंने कहा कि फिल्म चली या नहीं चली, वो आपके हाथ में होता नहीं है, पर अगर आप अपना काम सही से करेंगे तो आपको काम मिलता रहेगा। उसी चीज पर मैं चलता रहता हूं।


‘रॉकेट गैंग’ वर्चुअल रिएलिटी तकनीक से बनी अलहदा फिल्म होने वाली थी। इसमें काम करने का अनुभव कैसा रहा? और इस फिल्म में आपको और क्या खास बातें लगीं, जिसकी वजह से आप इससे जुड़े?

जी, हम कोशिश कर रहे थे कि हम वर्चुअल रिएलिटी को लेकर ये फिल्म बनाएंगे, लेकिन कोविड की वजह से हमें काफी दिक्कतें हो गई थीं। कभी बॉस्को सर (डायरेक्टर-कोरियोग्राफर बॉस्को मार्टिस) बीमार पड़े, तो कभी मैं बीमार पड़ा, तो हम उस आइडिया पर काम नहीं कर पाए। हमें वीआर के कॉन्सेप्ट को छोड़ना पड़ा और हमने सेट खड़े किए। साथ में राजकोट के पास आउटडोर लोकेशन पर शूट किया। रही इस फिल्म को करने की बात, तो मुझे ये कॉन्सेप्ट बहुत रोचक लगा था। जब मुझे बताया गया था कि ये डांस हॉरर कॉमिडी होगा, तो मुझे लगा कि यह सब एक साथ कैसे मिक्स करेंगे। जैसे, हॉरर कॉमिडी एक जॉनर है, जो चल रहा है, उसमें डांस कैसे डालोगे? लेकिन जब मैंने कहानी सुनी और बॉस्को सर का विजन सुना तो मुझे इंट्रेस्टिंग लगा। हालांकि, मेरे दिमाग में शंका थी कि वो जो सोच रहे हैं, हम उसे पर्दे पर ला पाएंगे या नहीं, पर एक बार जब हां बोल दिया तो हम सब इसी पर लग गए कि किसी भी तरह उस विजन को पूरा करेंगे। मैंने हाल ही में फिल्म देखी है और मैं बहुत खुश हूं कि वो मेरी उम्मीद से बेहतर बनी है।


बॉस्को अपनी धुआंधार कोरियोग्राफी के लिए जाने जाते हैं। डांस को लेकर कितनी मशक्कत कराई उन्होंने?

डांस को लेकर तो उन्होंने हमारी हवा निकाल दी थी। हमने तीन-सवा तीन महीने ट्रेनिंग की, 100 दिन हो गए होंगे हमें डांस करते-करते। ऐसा हाल था कि आखिर तक हम सबकी हवा टाइट हो गई थी। उस पर फिल्म खत्म होने के बाद बॉस्को ने बोला कि हम एक और प्रमोशनल गाना करें?, हमने कहा कि सर, कैसे करेंगे, बहुत थक गए हैं। हमारी पीठ मे दर्द शुरू हो गया था लेकिन उनको करना था तो हमने कहा कि चलो, करते हैं, तो आपने सही कहा, डांस तो नॉनस्टॉप था। उनको नचाने का शौक है तो वो हमें नचाते चले गए।


फिल्म डांस हॉरर कॉमिडी है, जिसमें भूत भी हैं। आप भूत या आत्मा में यकीन करते हैं या इसे सिर्फ वहम मानते हैं?

नहीं, नहीं मैं निश्चित तौर पर मानता हूं। अब इस अनुभव को मैं क्या कहूं, मुझे नहीं पता लेकिन मैं एक वक्त साउथ कोरिया में था। मेरे साथ एक और लड़का था। हम अपने कमरे में लेटे हुए थे। बातें कर रहे थे, रात का टाइम था, हमारी खिड़की खुली हुई थी और खिड़की में से अचानक एक सफेद बादल जैसा हमारे कमरे में आया, कमरे में घूमा और निकल गया। हम हैरान थे, क्योंकि हम काफी ऊपर दसवें या 11वें फ्लोर पर थे, तो कोई चीज ऐसे आसानी से नहीं आ सकती। मुझे पहले लगा कि शायद मैंने ही वो देखा लेकिन मेरे दोस्त ने भी देखा था तो हमें लगा कि कुछ चीज थी जो अप्राकृतिक थी। वो आई और घूमकर निकल गई, तो मैं मानता तो निश्चित तौर पर हूं लेकिन आज तक कोई ऐसा खराब अनुभव नहीं हुआ है।


बॉक्स: आपका शादी का वीडियो जब आया, तो हर किसी को आपकी और अनुष्का की प्रेम कहानी से प्यार हो गया। शादी के बाद आपने खुद में कोई बदलाव महसूस किया?

मैं अब ज्यादा सुलझा हुआ इंसान हूं। पहले मेरी सोच ये थी कि ये भी कर लेते हैं, वो भी कर लेते हैं, कोई रिस्क ले लिया, पर अब ठहराव थोड़ा ज्यादा आ गया है। थोड़ी समझ ज्यादा आ गई है। मैं ये समझता हूं कि अब मैं कोई भी फैसला लूंगा तो उसका असर सिर्फ मुझ पर नहीं पड़ेगा, उससे मेरी पार्टनर भी प्रभावित होंगी। इसलिए कोई फिल्म करनी हो या जिंदगी का कोई भी फैसला लेना हो, मैं अकेला वो फैसला नहीं लेता हूं, क्योंकि मेरे एक फैसले से मेरे पार्टनर को भी फर्क पड़ता है तो अब हम मिलजुल कर सारे फैसले लेते हैं।


अनुष्का की कोई ऐसी खूबी है, जो आप खुद अपनाना चाहेंगे?

अनुष्का हर चीज बहुत अच्छे से प्लान कर लेती हैं, जिससे हमारी जिंदगी बहुत आसान हो जाती है। वो काबिलियत मुझमें नहीं है कि मैं प्लानिंग करके चलूं। दूसरे, उनकी एक जो बड़ी खासियत है कि अगर आप उनसे पांच मिनट के लिए मिलेंगे तो आप उनको अपना बेस्ट फ्रेंड मान लेंगे। पता नहीं वो क्या खूबी है, क्या काबिलियत है, मुझे भी नहीं समझ आता लेकिन ये तय है कि सिर्फ पांच मिनट में आप उनको अपना बेस्ट फ्रेंड कहने लगेंगे और अपनी जिंदगी की सारी चीजें उन्हें पांच मिनट में बता देंगे। ये मेरी गारंटी है।