( सोलन )असम राइफल में तैनात हवलदार श्याम लाल की ड्यूटी देते समय मौत हो गई। उनका पार्थिव शरीर असम से चंडीगढ़ हवाई मार्ग से लाया गया और फिर उनके पैतृक घर जो कुनिहार के साथ लगती पंचायत जाबल जमरोट में है वहां आज सुबह उनका अंतिम संस्कार किया गया। गगनभेदी नारों तथा नम आंखों से गांववासियों और फ़ौज के अधिकारियों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। इस दुःख के क्षण में उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए पंचायत प्रतिनिधि तो पहुंचे लेकिन जिला के प्रशासनिक अधिकारियों में से कोई भी उनके सम्मान के लिए खड़ा नहीं हुआ। जिसकी वजह से हवलदार श्याम लाल को जो राजकीय सम्मान मिलना चाहिए था वह न मिल सका। सैनिक के संस्कार में पूरे गांव में शौक की लहर दौड़ गई तथा इस दौरान मृतक का अंतिम संस्कार के समय उसे फौजियों की तरफ से सलामी दी गई। जब इस बारे में प्रशासनिक अधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें हवलदार श्याम लाल की मृत्यु के बारे में कोई भी सूचना नहीं मिली है अगर उन्हें सूचना मिलती तो अवश्य उनके अंतिम संस्कार में शामिल होते। वहीँ जब पुलिस अधिकारी से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जब कोई इस तरह की घटना होती है तो उपायुक्त से इस बारे में सूचना दी जाती है। लेकिन इस तरह की कोई सूचना उन्हें नहीं मिली इसलिए वह अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके।
इस घटना पर स्थानीय लोगों और हवलदार श्याम लाल के परिजनों ने रोष प्रकट किया है। उनका कहना है कि जिला प्रशासन को फ़ौज द्वारा पहले ही अंतिम संस्कार की सूचना दे दी जाती है लेकिन उसके बावजूद भी सैनिक के अंतिम संस्कार पर जिला के कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे जो बेहद शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि जो सम्मान मृत्यु के उपरांत नियमानुसार फौजी को मिलना चाहिए था। वह नहीं दिया गया जो एक खेद का विषय है।
2021-07-14