मंत्री के कॉल से बैकफुट पर प्रशासन, अब गंगा मेले में भैंसा-बुग्गी ले जा सकेंगे श्रद्धालु, पढ़ें हर जानकारी

MEERUT: मंत्री संजीव बालियान के कॉल के बाद प्रशासन बैकफुट पर आ गया। अब श्रद्धालु गंगा मेले में भैंसा-बुग्गी ले जा सकेंगे। पढ़िए पूरी जानकारी।

फाइल फोटो।
फाइल फोटो।

गंगा मेले में भैंसा-बुग्गी पर हापुड़ जिला प्रशासन द्वारा रोक लगाने के बाद किसान नाराज हुए तो केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने इसका संज्ञान ले लिया। उन्होंने कमिश्नर और डीएम हापुड़ से फोन पर बात कर साफ कह दिया कि लंपी बीमारी भैंस वंश में नहीं हो सकती है। गंगा मेले में दूर-दराज के गांवों से किसान भैंसा-बुग्गी के जरिए ही आते हैं, ऐसे में उनको नहीं रोका जा सकता है। केंद्रीय मंत्री ने इस प्रकरण को लेकर उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री से भी बात की।

केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के दखल के बाद प्रशासन द्वारा भैंसा-बुग्गी पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया गया है। किसान अब हस्तिनापुर, मखदुमपुर और गढ़ मेले समेत सभी जगहों पर गंगा पर लगने वाले मेले में अपने पशुओं के साथ जा सकते हैं।

बता दें कि गुरुवार को डीएम हापुड़ की तरफ से जारी पत्र में कहा गया था कि गढ़मुक्तेश्वर में कार्तिक पूर्णिमा मेले में पशुओं में लंपी बीमारी के चलते इस बार सभी तरह के पशुओं को मेले में प्रतिबंधित कर दिया गया। मेले में हर बार लगने वाली अश्व प्रदर्शनी पर भी रोक लगाई गई थी।

वहीं शुक्रवार को किसानों को इस आदेश की जानकारी हुई तो कई जिलों से विरोध होने लगा। जानकारी होने पर केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने प्रशासनिक अधिकारियों से बात कर साफ कहा कि अभी तक कहीं भी भैंस वंश के पशुओं में इस बीमारी की पुष्टि नहीं हुई है, ऐसे में श्रद्धालुओं को नहीं रोका जा सकता है। केंद्रीय मंत्री के बात करने के बाद प्रशासन की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया है कि श्रद्धालु भैंसा बुग्गी से मेले में जा सकते हैं।

संजीव बालियान ने पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री को लिखा पत्र
शुक्रवार को मंत्री संजीव बालियान ने पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह को पत्र लिखा। बालियान ने कहा कि मेले में आसपास के राज्यों के लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। पिछले दो साल से कोविड के कारण मेले का आयोजन नहीं हो पाया था। गढ़मुक्तेश्वर के मेले में प्रशासन ने गधे, घोड़े, खच्चर, गाय, बैल और भैंसा-बुग्गी पर रोक लगा दी है। लंपी बीमारी इसकी वजह बताई गई है, जबकि भैंस वंश के पशुओं में अभी तक यह बीमारी सामने नहीं आई है। गोवंशीय पशुओं का टीकाकरण भी शत प्रतिशत किया जा चुका है। भैंसी-बुग्गी मेले में पहुंचने के लिए लोगों का निजी और प्रमुख साधन है। इसी वजह से भैंसा-बुग्गी पर लगाई गई रोक को तुरंत हटाया जाना चाहिए।