Advertising Guidelines : सेलिब्रिटी और इंफ्लूएंसर्स के बीच अचानक बढ़ी वकीलों की डिमांड, आखिर माजरा क्या है?

Advertising Guidelines : उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय (Consumers Affairs Ministry) के तहत आने वाला सीसीपीए द्वारा पिछले महीने जारी किए गए नए दिशानिर्देशों का उद्देश्य भ्रामक विज्ञापनों पर अंकुश लगाना है। सेलिब्रिटीज अपने द्वारा विज्ञापन में किये गए दावों के लिए कानूनी रूप से जवाबदेह हैं। उन्हें विज्ञापन में किये दावों के संबंध में उचित जांच-परख करने का प्रमाण देना होता है।

 
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सेलिब्रिटीज अब विज्ञापनों में कानूनी पचड़े से बचने के लिए ले रहे वकीलों की मदद
नई दिल्ली : विज्ञापनों को लेकर पिछले महीने केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) के नए दिशानिर्देश प्रभाव में आ गए थे। भ्रामक और आपत्तिजनक विज्ञापनों के कई मामले सामने आने के बाद सीसीपीए को नए दिशानिर्देश (Advertising Guidelines) लाने पड़े थे। इन दिशानिर्देशों के लागू होने के बाद इंडिविजुअल्स और इंफ्लूएंसर्स अब अदालत में जाने से बचने के लिए वकीलों का सहारा ले रहे हैं। ये लोग लीगल फर्म्स (Legal Firms) को हायर कर रहे हैं। इनका काम विज्ञापनों में किये गए दावों की जांच करना और उन्हें कानूनी शिकंजे से बचाना है। विज्ञापन एजेंसियों, कानूनी फर्मों और टैलेंट मैनेजमेंट फर्म्स के अधिकारियों ने यह बात कही है।


बड़े सेलिब्रिटी अपने स्तर पर बरत रहे काफी सावधानी
विशेष रूप से बड़े सेलिब्रिटीज अपने स्तर पर ही विज्ञापनों की जांच-परख कर रहे हैं और अब बेहद सावधान हैं। प्रियंका चोपड़ा और शाहरुख खान के साथ काम करने वाली एक टैलेंट मैनेजमेंट कंपनी क्रॉसओवर मैनेजमेंट की फाउंडर विनीता बांगर्ड ने यह बात कही है। उन्होंने कहा, “सेलिब्रिटी किसी के लिए भी आसान टार्गेट होते हैं। इसलिए हर कोई पेशेवर कानूनी मदद ले रहा है।” अमिताभ बच्चन ने अपने इंस्टाग्राम और टम्बलर अकाउंट पर पोस्ट किया कि अब आप क्या विज्ञापन कर रहे हो, इसे लेकर सख्त नियम हैं।


कानूनी सलाहकारों के लिए खुला प्रैक्टिस का नया सेक्टर

लॉ फर्म पायनियर लीगल की पार्टनर पृथा झा का कहना है कि इसने कानूनी सलाहकारों के लिए प्रैक्टिस का एक नया क्षेत्र खुल रहा है। उन्होंने कहा, “सेलिब्रिटी क्लाइंट्स की ओर से वकीलों द्वारा किस स्तर तक सावधानी रखनी चाहिए, वह चर्चा का एक प्रमुख बिंदु बन रहा है।”

सेलिब्रिटी भी हैं दावों के लिए जवाबदेह

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाला सीसीपीए द्वारा पिछले महीने जारी किए गए नए दिशानिर्देशों का उद्देश्य भ्रामक विज्ञापनों पर अंकुश लगाना है। सेलिब्रिटीज अपने द्वारा विज्ञापन में किये गए दावों के लिए कानूनी रूप से जवाबदेह हैं। उन्हें विज्ञापन में किये दावों के संबंध में उचित देख-रेख करने का प्रमाण देना होता है। साथ ही उन्हें ब्रांड से कोई भी लाभ मिला है, तो उसकी जानकारी देनी होती है। बच्चों को टार्गेट करने वाले और बच्चों को दिखाने वाले विज्ञापनों पर भी दिशानिर्देश सख्त हैं। इसके अलावा मुफ्त का झांसा देने वाले विज्ञापनों के लिए भी सख्त दिशानिर्देश हैं।

किसी कानूनी पचड़े में नहीं फंसना चाहते सेलिब्रिटी

विज्ञापन एजेंसी एफसीबी ग्रुप इंडिया के अध्यक्ष रोहित ओहरी ने कहा, “इन दिशानिर्देशों ने मशहूर हस्तियों और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स के लिए विज्ञापन में किए गए दावों की सटीकता के बारे में कानूनी रूप से उचित परिश्रम करना अनिवार्य बना दिया है। यह उपभोक्ताओं के हित में है।” एक अन्य लीगल फर्म के सीईओ ने कहा, ‘कुछ बड़े एक्टर्स और खिलाड़ी हम तक पहुंच रहे हैं। वे चाहते हैं कि वे विज्ञापनों को लेकर किसी भी कानूनी पचड़े में नहीं फंसें।’