राज्य के अधिकांश हिस्सों में इस सप्ताह के दौरान हुई वर्षा आने वाला समय में सेब पर
स्कैब रोग के विकास के लिए अनुकूल हो गया है क्योंकि पिछले वर्ष के दौरान राज्य के कुछ
हिस्सों में स्कैब रोग फिर से उभरा था। सर्दियों के दौरान पुराने गिरे पत्तों में स्कैब
(स्यूडोथेशिया) निष्क्रिय अवस्था में होती है और उससे नए पत्तों पर स्कैब होने का खतरा
होता है। इन बारिशों से स्कैब के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
डॉ वाईएस परमार बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी, के पादप रोग विज्ञान
विभाग ने सेब बागवानों को सलाह दी है कि वे विश्वविद्यालय द्वारा फसल अवस्था के
अनुसार सेब स्कैब के स्प्रे शेड्यूल का पालन करें, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां यह रोग बड़े
स्तर पर पिछले वर्ष दिखाई दिया था।
स्प्रे शेड्यूल के अनुसार बागवानों को ग्रीन टिप स्टेज
पर Captan (600gm/200L water) or Dodine (200gm/200L water) or Ziram
(600gm/200L water) or Fluxapyroxad 75g/l + difenoconazole 50g/l SC
(60ml/200L) की स्प्रे करने का सुझाव दिया है।