नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में पटाखे जलाने का असर यहां की हवा में अब साफ दिखने लगा है. दिवाली की रात दिल्ली-एनसीआर की हवा काफी प्रदूषित हो गई. बैन के बावजूद दिल्ली में खूब आतिशबाजी हुई, जिसकी वजह से दिवाली की रात दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ गया और दिल्ली-नोएडा में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई. राष्ट्रीय राजधानी में पटाखे चलाने पर लगी पाबंदी का उल्लंघन करते हुए दिल्लीवासियों ने दिवाली की रात न सिर्फ आतिशबाज़ी की, बल्कि तेज़ आवाज़ वाले पटाखे फोड़े.
दिल्ली का औसत AQI ‘बेहद खराब’ स्थिति में पहुंच चुका है. SAFAR India air quality service के मुताबिक, 25 अक्टूबर यानी दिवाली की रात 12 बजे दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 323 दर्ज किया गया, जो कि बहुत ही खराब स्थिति को दर्शाता है. वहीं, दिल्ली यूनिवर्सिटी के पास AQI 365 दर्ज हुआ है, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है. नोएडा का भी हाल इसी तरह बुरा दिखा. नोएडा में AQI 342 दर्ज किया गया.
दरअसल, विशेषज्ञों ने इस बात की आशंका जताई थी कि अगर इस साल फिर से ज्यादा पटाखे फोड़े गए तो वायु गुणवत्ता और खराब हो सकती है. दिवाली रात के परवान चढ़ने के साथ ही पटाखों की आवाज़ तेज़ होती गई और इसने अनुमति प्राप्त डेसिबल सीमा का भी उल्लंघन किया. बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 200 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है.
दक्षिण दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश, नेहरू, प्लेस, मूलचंद समेत अन्य इलाकों में शाम से ही पटाखों की आवाज़ सुनी गई. पूर्वी और उत्तर पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर, मयूर विहार, शाहदरा, यमुना विहार समेत कई इलाकों में यही स्थिति रही. कुछ निवासियों ने कहा कि इस बार पटाखों की आवाज़ पिछले साल से कम थी, लेकिन रात नौ बजे के बाद पटाखों की आवाज़ बढ़ गई. दक्षिण पश्चिम दिल्ली की मुनिरका में कथित रूप से तेज़ आवाज़ वाले पटाखे फोड़े गए हैं.