नई दिल्ली. दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा देकर पार्टी को बड़ा झटका दिया. इस बीच, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को देश की सबसे पुरानी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस राजनीतिक उथल-पुथल का होना बहुत पहले से तय था.पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस पार्टी से अपने पांच दशक पुराने संबंध खत्म करने के एक दिन बाद केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आखिरकार गुलाम नबी ने भी खुद को ‘आजाद’ कर ही लिया.
कांग्रेस को 2020 में अलविदा कह भाजपा में शामिल हुए सिंधिया ने शनिवार को ग्वालियर में पत्रकारों से कहा, “जहां तक कांग्रेस की बात है यह तो कई महीनों और सालों (वर्षों) से स्पष्ट है कि उसकी अंदरूनी स्थिति क्या है. मैं भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता हूं और सकारात्मक सोच और विचारधारा के साथ विकास और प्रगति में लगा हूं, लेकिन जरूर कहीं न कहीं अंत में गुलाम नबी जी भी स्वयं ‘आजाद’ हो चुके हैं.”
आजाद ने शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया तथा नेतृत्व पर आंतरिक चुनाव के नाम पर पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर ‘धोखा’ करने का आरोप लगाया. इस बीच, नागर विमानन मंत्री ने अपनी पहचान भाजपा कार्यकर्ता के रूप में बताते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र निर्माण के लिए काम कर रहे हैं. सिंधिया शनिवार को ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने ग्वालियर पहुंचे हैं.
गुलाम नबी आजाद का इस्तीफा
गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया. पहले से ही संकट में घिरी कांग्रेस को आजाद के इस्तीफे से एक और झटका लगा है। इससे पहले भी कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं. आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे पांच पृष्ठ के त्यागपत्र में कहा कि वह ‘भारी मन’ से यह कदम उठा रहे हैं. उन्होंने पत्र में कहा कि पार्टी नेतृत्व को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ निकालनी चाहिए थी.
‘कांग्रेस ऐसी स्थिति में है, जहां से उसे वापस नहीं आया जा सकता’
आजाद ने कहा कि पार्टी की कमजोरियों पर ध्यान दिलाने के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं को अपशब्द कहे गए, उन्हें अपमानित किया गया और नीचा दिखाया गया. उन्होंने कांग्रेस से अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि पार्टी में किसी भी स्तर पर चुनाव नहीं कराए गए. आजाद ने कहा कि कांग्रेस में हालात अब ऐसी स्थिति पर पहुंच गए हैं, जहां से वापस नहीं आया जा सकता. उन्होंने कहा कि पार्टी में नेतृत्व के लिए परोक्ष तौर पर अपने प्रतिनिधियों को आगे बढ़ाया जा रहा है.