आखिर कब तक रस्सी बांध कर पार करनी होगी खडड, बीडीओ ने एक्सियन को लिखी पाती

आखिर बटोला गांव के लोग कब तक बरसात में नलटड़ी खडड को रस्सी बांध कर पार करते रहेंगें। आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी जुन्गा और ठियोग तहसील की सीमा पर कांवती में बहने वाली नलटड़ी खडड पर आज तक सुदृढ़ फुटब्रिज नहीं बन पाया है।

बीडीओ मशोबरा द्वारा ग्रामीण विकास विभाग शिमला के एक्सियन को लिखे गए पत्र में इस बारे अवगत करवाया गया है कि स्थानीय पंचायत द्वारा फुटब्रिज निर्मित करने में असमर्थता जताई गई है। स्थानीय पंचायत ने लिखित रूप में किसी अन्य एजेंसी से पुल निर्माण करवाने के बारे में आग्रह किया गया है। पंचायत का कहना है कि इस पुल की लंबाई करीब 53 मीटर बनती है, जिसके निर्माण पर करीब 25 लाख की राशि व्यय होगी।

बता दें कि हर वर्ष बरसात के मौसम में मशोबरा ब्लाॅक की अंतिम छोर की पंचायत पीरन के गांव बटोला, नालटा, मीमू, नट इत्यादि गांव के लोगों को रस्सी बांध कर उफनती खडड को पार करना पड़ता है। विशेषकर बटोला गांव के लोगों घराट, घासनी और चारागाह इत्यादि खडड से पार है। यही नहीं पीरन पंचायत के लोग इस खडड को पार करके ठियोग तहसील के धरेच, सतोग, अलोटी और सिरमौर के शीलाबाग, कलयोंपाब इत्यादि क्षेत्र में आना जाना लगा रहता है।

स्थानीय लोगों ने मांग की है कि इस खडड पर वाहन चलने योग्य पुल बनाया जाना चाहिए, क्योंकि खडड के दोनों ओर एंबुलेंस सड़क बन चुकी है। बता दें कि फुटब्रिज न होने के कारण लोगों को कई बार मजबूरी में वाया जघेड होते हुए करीब 15 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है।

जानकारी के मुताबिक वर्ष 2006 में कांवती में नलटड़ी खडड पर पुल बनाया गया था जोकि पहली ही बरसात में बह गया था। किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. कुलदीप तंवर ने भी सरकार से इस पुल को निर्मित करने की मांग की है, ताकि लोगों को आने-जाने की सुविधा उपलब्ध हो सके।

ग्राम पंचायत पीरन के सचिव राजीव ठाकुर ने बताया कि पुल निर्मित करने के लिए पंचायत के पास नवीनतम तकनीक और धनराशि उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि इस पुल का निर्माण लोनिवि के द्वारा करवाना चाहिए ।