रोमांच और जोखिम भरा सफर पूरा करने के बाद होते हैं महादेव के दर्शन, श्रीखंड विश्व की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में शुमार

श्रीखंड महादेव यात्रा
विश्व की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में शुमार श्रीखंड महादेव यात्रा जहां यात्रियों को रोमांच से भर देती है। वहीं श्रीखंड महादेव के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को बेहद मुश्किल और जोखिम भरी 32 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चलनी पड़ती है। इस वर्ष से श्रीखंड महादेव यात्रा 11 से 24 जुलाई तक प्रशासन की देखरेख में होगी। 18,570 फीट ऊंचाई पर श्रीखंड महादेव तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 32 किलोमीटर का पैदल सफर करना पड़ता है।

श्रद्धालुओं को संकरे रास्तों में कई बर्फ के ग्लेशियरों को भी पार करना होता है। वहीं ऊंचाई वाले कई ऐसे स्थल हैं, जहां ऑक्सीजन की कमी का श्रद्धालुओं को सामना करना पड़ता है। पार्वती बाग से आगे कुछ ऐसे क्षेत्र पड़ते हैं, जहां कुछ श्रद्धालुओं को ऑक्सीजन की कमी के चलते भारी दिक्कतें पेश आती हैं। यदि ऐसी स्थिति में ऐसे श्रद्धालुओं को समय रहते उपचार या वापस नीचे नहीं उतारा जाता है तो श्रद्धालुओं के लिए खतरा बन जाता है।

यात्रा के लिए बनाए गए पांच बेस कैंप 
श्रीखंड महादेव यात्रा को सुलभ बनाने के लिए पिछले आठ साल से श्रीखंड ट्रस्ट समिति और जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है। एसडीएम निरमंड और श्रीखंड ट्रस्ट समिति के उपाध्यक्ष मनमोहन सिंह ने बताया कि 11 जुलाई से शुरू होने जा रही 32 किलोमीटर की पैदल श्रीखंड महादेव यात्रा को पांच सेक्टरों में बांटा गया है। इसमें करीब 130 कर्मचारियों सहित रेस्क्यू टीम को तैनात किया गया है। 

बेस कैंप 1
पहले बेस कैंप सिंघगाड में करीब 40 कर्मचारी तैनात होंगे, जिसमें प्रतिदिन सुबह पांच से शाम सात बजे तक श्रद्धालुओं का पंजीकरण किया जाएगा। शाम चार बजे तक ही श्रद्धालुओं के जत्थे यात्रा के लिए रवाना किए जाएंगे। शाम 4:00 बजे के बाद किसी भी श्रद्धालु को बेस कैंप सिंघगाड से जाने की अनुमति नहीं होगी। सिंघगाड में सभी श्रद्धालुओं का मेडिकल चैकअप किया जाएगा। फिटनेस वाले श्रद्धालुओं को ही यात्रा में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी। 
बेस कैंप 2
दूसरे बेस कैंप थाचडू में मेडिकल, रेस्क्यू दल, पुलिस, राजस्व, सेक्टर मैजिस्ट्रेट के करीब 20 लोग तैनात रहेंगे। यहां पर आपात सेवाओं के अलावा श्रीखंड जा रहे सभी यात्रियों की जांच की जाएगी। बिना पंजीकरण या चोरी छिपे जा रहे यात्रियों को यहां से वापस भेजा जाएगा। 

बेस कैंप 3
तीसरे बेस कैंप कुनशा में 20 कर्मचारियों की टीम तैनात की जाएगी। यहां श्रद्धालुओं को रेस्क्यू व्यवस्था, कानून और आपात सेवाएं मिलेगी। इस बेस कैंप में तैनात कर्मचारी मौसम के अनुकूल श्रद्धालुओं को आगे भेजने या रोकने के निर्णय लेने में सक्षम रहेंगे।

श्रीखंड महादेव।

इसी तरह चौथे बेस कैंप भीमडवारी में भी 20 लोग तैनात रहेंगे, जो आपात स्थिति से निपटने में हर समय तैयार रहेंगे। पांचवें बेसकैंप पार्वती बाग में करीब 28 लोगों की टीम होगी। इसमें रेस्क्यू टीम के 16, पुलिस के चार जवान, राजस्व के तीन और सेक्टर मैजिस्ट्रेट शामिल रहेंगे। पार्वती बाग से ऊपर कोई भी श्रद्धालु दोपहर 12 बजे के बाद यात्रा नहीं कर सकेगा।  उधर, एसडीएम मनमोहन सिंह ने बताया कि नैन सरोवर से ऊपर करीब तीन-चार ग्लेशियर बताए गए हैं। उन्होंने कहा कि खतरनाक रास्तों को दुरुस्त कर दिया गया है, जल्द ऑनलाइन पंजीकरण भी शुरू कर दिया जाएगा।
इन बातों का रखें ध्यान
श्रीखंड महादेव यात्रियों के लिए अमर उजाला ने चिकित्सकों से बहुत अहम जानकारियां हासिल की हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए फायदेमंद रहने वाली है। 2014 से श्रीखंड यात्रा के लिए सेवाएं दे रहे डॉ. यशपाल राणा ने बताया कि पार्वती बाग से ऊपर कुछ यात्रियों की ऑक्सीजन की कमी के चलते तबीयत बिगड़ने लगती है। ऐसे यात्री जिनको ऑक्सीजन की कमी महसूस हो, ज्यादा सांस फूलना, सिरदर्द होना, चढ़ाई न चढ़ पाना, उल्टी की शिकायत होना, धुंधला दिखना और चक्कर आना जैसे लक्षण आना शुरू हों तो ऐसे यात्री तुरंत आराम करें और नाचे की ओर उतरकर बेस कैंप में चिकित्सक से संपर्क करें। अपने साथ यात्री एक पक्का डंडा, ग्रिप वाले जूते, बरसाती, छाता, ड्राई फू्रटस, गर्म कपड़े, टॉर्च और गलूकोज जैसे सामान साथ रखें।