5 बार फेल होने के बाद प्राइवेट जॉब में वापस जा रहे थे, 17 दिन की तैयारी में बन गए IPS

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इसके बाद उन्होंने यूपीएससी निकालने के लिए 5 सबक लिए. बस यहीं से उनकी तस्वीर बदल गई.

कोरोना वायरस का ये दौर सबक वाला है. प्रकृति साफ़ हो रही है तो एक सबक है कि हमने किस तरह प्रदूषण किया. नदियां साफ़ हो रही हैं तो उसके पीछे भी एक सबक है. या यूं कह लें कि पूरी लाइफ़ स्टाइल को लेकर एक सबक है. इन सबके बीच हम आपको एक ऐसे आईपीएस अफ़सर की स्टोरी सुना रहे हैं जिसने 5 सबक लेकर अपने सपने को पूरा कर लिया.अक्षत कौशल आईपीएस अफ़सर हैं. यूपीएससी में 55वीं रैंक उन्हें मिली थी. उन्होंने 5 बार यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन सफल नहीं हो पा रहे थे. इन सबके बीच 17 दिनों की तैयारी करके वह आईपीएस अफ़सर बन गए. लेकिन, इसके पीछे उनके 5 सबक थे, जिसने सबकुछ बदल दिया.

एक वीडियो इंटरव्यू में अक्षत कहते हैं, पहले साल की तैयारी में वह सुबह 2 घंटे की कोचिंग फिर पूरे दिन घर ममें पढ़ाई. वह लगातार मेहनत करते थे. लेकिन, वो पहले साल प्री भी नहीं निकाल पाए.  इसके बाद अगले साल मतलब 2013 में भी उन्होंने कई ग़लतियां कर दी, जिससे उनका सी सैट भी नहीं निकल पाया. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी निकालने के लिए 5 सबक लिए. बस यहीं से उनकी तस्वीर बदल गई.पहला सबकअक्षत के मुताबिक़ सिविल सर्विस के लिए परीक्षा के नेचर  को समझने की ज़रूरत है. हम हर बार ये सोचते हैं कि ये विषय तो आता है, लेकिन बाद में वही विषय गड़बड़ कर जाता है. ऐसा मेरे साथ हुआ लेकिन बाद में मैंने देखा कि बहुतों के साथ ऐसा होता है. इसलिए आप खुदपर बीते उसके बाद सबक लीजिए उससे अच्छा है कि दूसरों से ही सबक ले लीजिए.दूसरा सबकअक्षत के मुताबिक़, लोग कुछ विषयों को हल्के में लेने लगते हैं.  ये एक बड़ी चूक है. किसी भी विषय को हल्के में न लें. बाद में होता ये है कि आप जिस विषय को हल्के में लिए होते हैं, उसी विषय में आपके नंबर गड़बड़ हो जाते हैं.instagramतीसरा सबकजब आप यूपीएससी की तैयारी कर रहे होते हैं तो आपके पास अच्छे दोस्तों का एक ग्रुप होना चाहिए. इनके साथ आप लगातार चीजों पर डिस्कशन करते हैं. शुरुआती असफलता के बाद मैंने तय किया कि मैं फिर से जॉब में वापस चला जाऊं. लेकिन, मेरे दोस्तों ने मुझे रोका. मोटिवेट किया. गलतियों पर टोका. कुल मिलाकर उन्होंने बहुत मदद की.instagramचौथा सबकमेन्स को लेकर मुझे लगता था कि मैं बहुत अच्छा लिख लेता हूं. मेरी पीस अखबार में भी छपती थी. इससे एक कॉन्फिडेंस था. बस यही कॉन्फीडेंस ओवर कॉन्फिडेंस में बदल गया और साल 2016 की परीक्षा ख़राब चली गई. ऐसे में यदि आप किसी विषय को अपनी ताकत मानते हैं तो भी उसपर लगातार काम करिए.instagramपांचवां सबकआप अच्छी तैयारी कर रहे हैं तो सफलता ज़रूर मिलेगी. लेकिन, इसके लिए आपको लगातार अपने दिल की सुननी होगी. मैंने तमाम ग़लतियों से सीखा. लेकिन 17 दिन की तैयारी में निकाल भी लिया. हालांकि, इसके पहले मैंने अपना कॉन्सेप्ट पूरी तरह से तैयार कर लिया था. इंटरव्यू की तैयारी में भी अपने ऊपर फोकस था और फाइनली 2017 में निकाल लिया.