इंडिगो के बाद अब एक और विमान कंपनी का स्टाफ ‘सामूहिक सिक लीव’ पर गया, कम वेतन का कर रहे विरोध

नई दिल्ली. एयरलाइन कंपनियों की आय घटने के कारण 2 साल पहले स्टाफ की सैलरी में जो कटौती की गई थी उसका असर अब दिखने लगा है. कई कंपनियों के स्टाफ सदस्य इससे नाखुश हैं और सैलरी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. इसके लिए वे तरह-तरह के हथकंडे भी अपना रहे हैं. ताजा मामला विमानन कंपनी गो फर्स्ट के मेंटेनेंस कर्मचारियों का है. विमानों का रखरखाव करने वाले कई तकनीकी कर्मचारी सामूहिक रूप से छुट्टी पर चले गए हैं.

ये कर्मचारी कम वेतन के विरोध में पिछले तीन दिन से छुट्टी पर हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इन कर्मचारियों ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए छुट्टी ली है. बता दें कि इससे पहले इंडिगो के कई कर्मचारी भी स्वास्थ्य कारणों की बात कहकर छुट्टी पर चले गए थे. इसके बाद एयरलाइन ने इस तरह से छुट्टी लेने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है.

गो फर्स्ट एयरलाइन के कई कर्मचारी सामूहिक सिक लीव पर गए.

वेतन बढ़ाने की मांग
खबर के अनुसार, गो फर्स्ट के कुछ तकनीकी कर्मचारी, जो पिछले तीन दिनों के दौरान बीमारी के चलते छुट्टी पर गए थे, उन्होंने एयरलाइन के प्रबंधन को ई-मेल लिखकर अपना वेतन बढ़ाने के लिए कहा है. हालांकि, विमानन कंपनी ने अभी तक इस मामले पर कोई बयान नहीं दिया है.

सैलरी तर्कसंगत करेगी इंडिगो
पीटीआई के मुताबिक, विमानन कंपनी इंडिगो विमान रखरखाव करने वाले अपने तकनीकी कर्मचारियों के वेतन को ‘तर्कसंगत’ करेगी और कोविड-19 महामारी के कारण तनख़्वाह में हुई ‘कटौती’ अब समाप्त करेगी. हालांकि, दूसरी ओर खबर यह भी है कि इंडिगो ने इन कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है. कंपनी ने सिक लीव लेकर छुट्टी पर गए स्टाफ मेंबर्स से मेडिकल सर्टिफिकेट मांगा है ताकि पता लगाया जा सके कि वे वास्तव में बीमार थे या नहीं.

कोविड-19 के दौरान हुई थी वेतन कटौती
गौरतलब है कि इंडिगो ने कोविड-19 महामारी के दौरान कर्मचारियों के एक बड़े वर्ग के वेतन में कटौती की थी. वेतन से नाखुश इंडिगो के कर्मचारी पिछले हफ्ते हड़ताल पर गए थे. इससे पहले 2 जुलाई को खबर आई थी कि इंडिगो के चालक दल के सदस्यों ने एक साथ सिक लीव ले ली है. उस दिन इंडिगो की करीब 55 फीसदी घरेलू उड़ानें देरी से उड़ी थीं. कई समाचार वेबसाइट्स के मुताबिक, चालक दल के सदस्य एयर इंडिया के नियुक्ति अभियान में शामिल होने गए थे.