नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने गुरुवार को गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की रोकथाम के लिए भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित वैक्सीन ‘सर्वैक’ को अगले कुछ महीनों में लांच करने की घोषणा की है. सर्वैक वैक्सीन सभी लोगों के लिए महज 200-400 रुपये की कीमत में उपलब्ध होगी. यह टीका देश के लिए इसलिए भी वरदान साबित होगा क्योंकि सर्वाइकल कैंसर भारत में दूसरे सबसे प्रचलित कैंसर के रूप में से एक है. बड़े पैमाने पर रोकथाम योग्य होने के बावजूद दुनिया में कैंसर से होने वाली लगभग एक-चौथाई मौतों का कारण है.
कॉमन हो रहा है सर्वाइकल कैंसर
वर्तमान आंकड़ों के अनुसार, हर साल लगभग 1 लाख 25 हजार से अधिक महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का इलाज किया जा रहा है और भारत में 75,000 से अधिक लोग इस बीमारी से अपना जान गंवा देते हैं. भारत में सर्वाइकल कैंसर 15 से 44 वर्ष की आयु की महिलाओं में दूसरा सबसे अधिक बार होने वाला कैंसर है. यही कारण है कि महिलाओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए एक किफायती टीका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है.
पहले क्या थी वैक्सीन की कीमत
वर्तमान में, दो विदेश निर्मित एचपीवी टीके भारत में उपलब्ध हैं. एक क्वाड्रीवॉलेंट वैक्सीन जिसकी कीमत 2,800 रुपये प्रति खुराक है और एक बीवैलेंट वैक्सीन जिसकी कीमत 3,299 रुपये प्रति खुराक है. अधिक दाम होने से दोनों ही वैक्सीन आम लोगों की पहुंच से दूर रहती थी. लेकिन देशी कोरोना वैक्सीन बनाने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार सी. पूनावाला के अनुसार, पहला स्वदेशी रूप से विकसित क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन ‘सर्वैक’ सबसे सस्ता टीका होगा. यह वैक्सीन लोगों को महज 200-400 रुपये की रेंज में उपलब्ध होगी.
देश में निर्मित वैक्सीन पर सरकार का जोर
सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन से संबंधित एक कार्यक्रम में बोलते हुए, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि टीका आम आदमी के लिए सुलभ और सस्ता हो. उन्होंने आगे कहा कि टीके से संबंधित अनुसंधान एवं विकास गतिविधियां पूरी हो चुकी हैं और अब अगला चरण उसे जनता के लिए उपलब्ध कराना होगा. मंत्री के अनुसार कोरोना ने हमें टीके की जरूरतों को समझने का मौका दिया है जिसके बाद सर्वाइकल कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के लिए टीकों का विकास हुआ है.