After the death of Corona positive mother, when she left her newborn company, cwc solan saved her life by becoming the Messiah.

कोरोना पॉज़िटिव मां की मौत के बाद जब अपनो ने छोड़ा नवजात का साथ तो cwc सोलन ने मसीहा बन कर बचाई जान।

कोरोना पॉज़िटिव   महिला ने एक बच्चे को जन्म देने के बाद अपना दम तोड़ दिया | महिला का पति भी कोरोना  पोज़िटिव  आया | बच्चे को पिता के पास भी छोड़ा नहीं जा सकता था और कोई भी व्यक्ति कोरोना के डर से बच्चे की जिम्मेवारी लेने को तैयार नहीं था | जिला प्रशासन ने  बाल कल्याण समिति  से बात की और बच्चे की देखभाल का प्रस्ताव रखा | बाल कल्याण समिति   की दो युवतियों को जब इस घटना का पता चला तो उन्होंने मानवता का परिचय देते हुए नवजाब बच्चे की जिम्मेवारी उठाने के लिए हामी भरी | दोनों युवतियों ने अपना कोरोना टैस्ट करवाया और पीपीई किट पहन कर बच्चे को शिमला पहुंचाया | वहां पहुंच कर उन्हें स्टाफ का ज़्यादा सहयोग नहीं मिला   इस लिए बच्चे की पूरी देखभाल का जिम्मा भी इन्हीं युवतियों पर आ गया | लेकिन युवतियों ने भी हार नहीं मानी और वह 48 घंटे बिना सोए और खाए पिए वह बच्चे की देखरेख करती रही | 
 बाल कल्याण समिति सोलन की चेयरमैन विजय लाम्बा ने बताया कि युवतियों  इस घटना में कोरोना वारियर्स  बन आई और और अपनी जान की परवाह किए बगैर निस्वार्थ भाव से बच्चे की मदद की | उन्होंने बताया कि यहाँ तक कि इस नेक कार्य के लिए उन्होंने अपने परिजनों को भी नहीं बताया क्योंकि उन्हें डर था कि अगर वह इस बात की जानकारी उन्हें देंगे तो वह मना कर सकते है | उन्होंने बताया कि इस कार्य में युवतियों ने सराहनीय कार्य किया है जिस पर बाल कल्याण समिति को गर्व है | उन्होंने कहा कि दोनों युवतियों को बच्चे संभालने का कोई अनुभव नहीं था ,लेकिन उसके बावजूद भी उन्होंने अपने दायित्व को बहुत अच्छे ढंग से निभाया | यही वजह है कि आज वह मासूम बच्चा बिलकुल स्वास्थ्य है और अपने पिता के पास है | 
जब इस बारे में कोरोना योद्धा युवतियों किरण और सुमन  से पुछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें जब इस घटना के बारे में पता चला तो उनका एक मात्र लक्ष्य उस मासूस बच्चे की जान को बचाना था जिसकी माँ अब इस दुनिया में नहीं थी | उन्होंने कहा यही वजह रही कि उन्हें कोरोना संक्रमण हो सकता है यह बात उनके ख्याल में भी नहीं आई | उन्होंने कहा कि अगर ऐसा सुअवसर ज़िंदगी में दोबारा आता है तो वह फिर से यह ज़िम्मेदारी लेने को  तैयार है | उन्होंने कहा कि उन्होंने बच्चे की सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ी लेकिन जब वह अस्पताल पहुंचे तो सभी उनसे दूर भाग रहे थे जिसकी वजह से उन्हें थोड़ी पीड़ा ज़रूर हुई इस लिए सभी को इस संकट काल में अपनी सोच बदलने की आवश्यतका है | उन्होंने कहा कि आज वह बच्चा बिलकुल स्वास्थ्य है इस लिए वह बेहद खुश है