समानता और प्रेम की एक सुंदर मिसाल कायम करते हुए एक नवविवाहित जोड़े ने अपने विवाह समारोह के बाद एक-दूसरे के पैर छूकर लैंगिक रूढ़िवादिता को तोड़ा है. इस समानता के बंधन ने पूरे इंटरनेट का दिल जीत लिया है. जिसके बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यूजर्स के बीच प्यार और खुशी देखने को मिल रही है.
दूल्हा दुल्हन दोनों ने छूए एक दूसरे के पैर
पैर छूना, जिसे कुछ संस्कृतियों में “चरण स्पर्श” के रूप में जाना जाता है, पारंपरिक रूप से सम्मान और विनम्रता का प्रदर्शन माना जाता है. जब हम किसी का सम्मान करते हैं तो उनके पैर छूते हैं. इसे संस्कारों से जोड़ कर देखा जाता है, इसलिए छोटे अपने बड़ों के पैर छूते हैं, वहीं हिंदू पारंपरिक शादियों के दौरान दुल्हन अक्सर दूल्हे के पैर छूती है. मगर इस ऐतिहासिक मौके पर इस नवविवाहित जोड़ी ने समानता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हुए और सामाजिक मानदंडों पर सवाल उठाते हुए, खुद से इस परंपरा को बदल दिया.
शादी के दौरान शुरू हुई इस नई और अनोखी परंपरा वाले वीडियो ने इंटरनेट पर सभी का दिल जीत लिया है. यूजर्स ने पूर्व धारणाओं को तोड़ने के प्रति उनके समर्पण के लिए सम्मान व्यक्त करते हुए जोड़ी को उनके साहसी कदम पर बधाई दी है. वहीं कुछ लोगों ने उनके इस कदम पर सवाल भी उठाए हैं. इस वीडियो पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया आ रही है.
फेरे के बाद जब दूल्हा-दुल्हन खुशी-खुशी एक-दूसरे के पैर छूते हैं
शादी के इस वीडियो को इंस्टाग्राम पर पेज Hauterrfly ने शेयर किया है. दूल्हा और दुल्हन द्वारा उठाया गया ये कदम दूसरों को प्रेरित कर रहा है. यह रिश्तों में समानता को बढ़ावा देने में व्यक्तिगत निर्णयों के महत्व पर जोर देता है. इस वीडियो क्लिप में आप देखेंगे कि ये जोड़ा समुद्र किनारे बीच पर अपने शादी के फेरे लेने के बाद एक दूसरे के सामने खड़ा होता है. इसके बाद पहले दुल्हन अपने पति के पैर छूती है और फिर दूल्हा अपनी दुल्हन के पैर छूता है. वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है, “अगर महिलाएं सम्मान स्वरूप अपने पति के पैर छूती हैं, तो पुरुषों को भी ऐसा ही करना चाहिए, है ना? क्योंकि …सम्मान दोनों तरह से होना जरूरी है..”
वीडियो को इंस्टाग्राम पर शेयर किए काफी समय हो चुका है और अब तक इसे 1 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है, 69.5K लाइक्स और कई कमेंट्स कमेंट्स मिल चुके हैं.
आइए देखें कि इस वायरल वीडियो पर इंटरनेट ने कैसी प्रतिक्रिया दी है
एक महिला यूजर ने उन सभी टिप्पणियों के लिए तर्क दिया है जिनमें कहा गया है कि ‘आपसे अपने बड़ों के पैर छूने की उम्मीद की जाती है.’ महिला यूजर ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, “मैंने कभी किसी पुरुष को उम्र में बड़ी अपनी पत्नी के पैर छूते नहीं देखा. उम्र चाहे जो भी हो अपने पार्टनर का सम्मान करने में कोई बुराई नहीं है. आप सभी देवी-देवताओं के चरण स्पर्श करते हैं और महिलाओं को घर की लक्ष्मी के रूप में मानते हैं, तो लक्ष्मी के चरण छूने में क्या हर्ज है, हुह? इसमें कुछ भी गलत नहीं है. बात करना बंद करें. अपनी पितृसत्तात्मक सोच अपने तक ही रखें क्योंकि यह धर्म पितृसत्तात्मक नहीं है. ऐसा नहीं होना चाहिए. एक पुरुष द्वारा अपनी पत्नी के पैर छूने से आपका पुरुषत्व जाग्रत होता है, जिसे वह प्यार करता है? यह आपके व्यक्तित्व को प्रकट करता है.”
एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “बंदे ने पितृसत्ता को नष्ट कर दिया और समाज की ऐसी परंपराओं पर निशाना साधा है.” एक अन्य व्यक्ति ने पूछा कि, “लोग इससे नाराज क्यों हैं?” मैं सचमुच हैरान हूँ. समस्या क्या है?